Rajasthan: 4 माह बाद आबादी से सरिस्का लौटा टाइगर, 20 दिन में बाघ ने किया 250 किमी का सफर

Himanshu Sharma

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Rajasthan: 4 माह बाद आबादी से सरिस्का लौटा टाइगर, 20 दिन में बाघ ने किया 250 किमी का सफर
Rajasthan: 4 माह बाद आबादी से सरिस्का लौटा टाइगर, 20 दिन में बाघ ने किया 250 किमी का सफर
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Rajasthan: सरिस्का का युवा बाघ ST2303 चार माह बाद वापस सरिस्का के जंगल में लौट चुका है. अलवर वन मंडल के सुरेटा व खरेटा के जंगल में बाघ के पगमार्क मिले हैं. 4 महीने बाद बाघ वापस से सरिस्का के बफर जोन में पहुंचा है. बाघ ने 20 दिन में करीब 250 किलोमीटर का सफर तय किया. बफर जोन से बाघ हरियाणा के रेवाड़ी जिले में पहुंचा. इस दौरान उसने एक वन कर्मी व एक किसान पर हमला किया. तो बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के कई प्रयास किए गए. लेकिन वन विभाग की टीम सफल नहीं हुई.

अलवर के बाला किला बफर जोन से युवा बाघ ST2303 घूमता हुआ किशनगढ़बास व मुंडावर क्षेत्र के जंगलों में तीन माह तक रहा. उसके बाद वहां से घूमता हुआ हरियाणा के रेवाड़ी जिले में पहुंच गया. 20 दिनों तक वनकर्मी टाइगर के पीछे घूमते रहे. इस दौरान बाघ ने एक किसान व एक वन कर्मी पर हमला किया. किसान गंभीर रूप से घायल हो गया. तो वन कर्मी का कई दिनों तक अस्पताल में इलाज चला. वन कर्मियों ने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया. लेकिन उनको सफलता नहीं मिली. इस दौरान बाघ ने सांभर का शिकार किया. उसके बाद भूख के मारे बाघ परेशान होता रहा. उसको शिकार नहीं मिला तो वापस बाघ लौट कर सरिस्का के बफर जोन के वन मंडल क्षेत्र के जंगल में पहुंच चुका है.

20 दिन में बाघ ने किया 250 किमी का सफर

बाला किला बफर जॉन के रेंज में शंकर सिंह शेखावत ने बताया कि वन मंडल के सुरेटा व खरेटा के जंगल में बाघ के पगमार्क मिले हैं. 20 दिन में बाद में गरीब ढाई सौ किलोमीटर का सफर तय किया. इस दौरान कई बार उसको ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया. लेकिन वन विभाग को सफलता नहीं मिली. सरसों के बड़े खेत होने के कारण बाघ सरसों के खेत में छुपा रहा है. इस दौरान जेसीबी की मदद से बाघ को तलाश करने का प्रयास किया. तो ड्रोन की मदद से भी बाघ की तलाश की गई. लेकिन इस दौरान बाघ के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई. अब बाघ बाला किला बफर जोन के जंगल में लौट चुका है. तो सरिस्का व वन विभाग ने राहत की सांस ली है.

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वन मंत्री के गृह जिले में जंगल से बाहर निकल रहे बाघ

वन मंत्री संजय शर्मा के गृह जिले सरिस्का में बाघ व पैंथर जंगल से बाहर निकल रहे हैं. सरिस्का प्रशासन का दावा था कि प्रत्येक बाघ के पीछे मॉनिटरिंग टीम रहती है. लेकिन बाघ हरियाणा के रेवाड़ी में पहुंच गया और वन विभाग और सरिस्का प्रशासन को भनक तक नहीं लगी. ऐसे में साफ है कि बाघ की मॉनिटरिंग राम भरोसे हैं. तो वही अभी तक सरकार व वन विभाग की तरफ से भी अभी तक किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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