Alwar: सरकारी हॉस्पिटल में नर्सिंगकर्मी की जगह प्राइवेट व्यक्ति कर रहा था काम, कलेक्टर ने यूं पकड़ी चालाकी

Himanshu Sharma

25 May 2024 (अपडेटेड: May 25 2024 11:14 AM)

Alwar: अगर आप सरकारी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. तो आप सावधान हो जाए. क्योंकि सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाओं साथ ही एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. बहरोड़ के जिला अस्पताल में जिला कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान नर्सिंग कर्मी की जगह एक सामान्य व्यक्ति मरीज के इंजेक्शन लगाता हुआ मिला.

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Alwar: अगर आप सरकारी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. तो आप सावधान हो जाए. क्योंकि सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाओं साथ ही एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. बहरोड़ के जिला अस्पताल में जिला कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान नर्सिंग कर्मी की जगह एक सामान्य व्यक्ति मरीज के इंजेक्शन लगाता हुआ मिला. बिना किसी पढ़ाई व ट्रेनिंग के सामान्य व्यक्ति द्वारा इलाज करने से मरीज की जान जा सकती थी. इस घटना ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं. 

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बहरोड़ जिला अस्पताल में कलेक्टर के औचक निरीक्षण के दौरान नर्सिंगकर्मी की जगह दूसरा युवक मरीज के इंजेक्शन लगाते हुए मिला. इस घटना से नाराज कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने नर्सिंगकर्मी को निलंबित करते हुए इलाज कर रहे युवक के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश जिला अस्पताल इंचार्ज को दिए. 

कलेक्टर इंजेक्शन वार्ड में पहुंची थी

बहरोड़ दौरे पर रही जिला कलेक्टर इंजेक्शन वार्ड में पहुंची थी. इस दौरान वार्ड में एक प्राइवेट व्यक्ति सुमित कुमार पुत्र घासीराम निवासी मुंडावर को मौके पर मरीजों का इलाज करते हुए मिला. जो एक व्यक्ति के इंजेक्शन लग रहा था. जिला कलेक्टर ने जब व्यक्ति से अस्पताल में वार्ड संबंधित कुछ सवाल पूछे. तो युवक हक्का-बक्का रह गया व उत्तर नहीं दे पाया और इधर उधर देखने लगा. इस पर कलेक्टर को शक हुआ. उन्होंने मामला गंभीर होने पर पीएमओ डॉ सत्यवीर यादव को निर्देशित किया कि वो इलाज कर रहे व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज करवाई जाए. इस दौरान पता चला कि पहले भी वो युवक कई बार मरीज का इलाज कर चुका है.

नर्सिग ऑफिसर निलंबित

इसके अलावा राकेश कुमार नर्सिग ऑफिसर (इन्जेक्शन वार्ड प्रभारी) के खिलाफ जिला कलेक्टर ने राजस्थान सिविल सेवाए (वर्गीकरण, नियन्त्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम-13 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तुरंत प्रभाव से निलंबित किया गया. जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया की इस प्रकार का कार्य मानव जीवन को खतरे में डालने वाला है. तथा सभी अधिकारियों को निर्देश दिए की भविष्य में इस प्रकार के लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं होगी. कलेक्टर की कार्रवाई के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. जिला अस्पताल के निरीक्षण के बाद बहरोड़ पंचायत समिति में सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कलेक्टर ने आवश्यक निर्देश दिए. इस दौरान बहरोड़ उपखंड अधिकारी रामकिशोर मीणा, तहसीलदार मौजूद रहे. बड़ौदा अस्पताल में मिली व्यवस्था के बाद पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप का माहौल है.

पहले हो चुकी है बड़ी घटना

कुछ समय पहले अलवर के एक निजी अस्पताल में वार्ड बॉय द्वारा वार्ड में नर्सिंग का कार्य करने और वार्ड में भर्ती महिला मरीज से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने राजस्थान के सभी निजी अस्पतालों से नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों की सूचना मांगी. इस दौरान कई निजी अस्पतालों में अनियमित मिली. उसके बाद अलवर के चार अस्पतालों की मान्यता भी समाप्त की गई थी.
 

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