राजस्थान (Rajasthan SI paper leak) में एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है. रविवार रात एसओजी ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य रामूराम राईका को गिरफ्तार कर लिया है. 2 दिन पहले राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने 5 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया था. इसमें रामूराम राईका के बेटे ट्रेनी उप निरीक्षक देवेश और बेटी बेटी ट्रेनी उप निरीक्षक शोभा भी शामिल हैं. एसओजी SI भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में RPSC के पूर्व सदस्य रामूराम राईका से पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.
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रामू राईका को एसओजी ने रविवार को कोर्ट मे पेश किया. एसओजी की ओर से 12 दिन का रिमांड मांगा गया था. इधर कोर्ट ने पेशी के बाद 7 दिन का रिमांड दिया है. इसमें आरोपी देवेश और शोभा के अलावा मंजू, विजेंद्र और अविनाश भी शामिल हैं. आरोप है कि आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका के बेटे और बेटी को परीक्षा से पहले पेपर में आने वाले सवालों की जानकारी थी.
बेटी की पांचवीं और बेटे की 40वीं रैंक
राजस्थान लोकसेवा (RPSC) आयोग के पूर्व सदस्य रामूराम राईका की बेटी शोभा की SI भर्ती-2021 में पांचवी रैंक आई थी. वहीं बेटे देवेश की 40वीं रैंक थी. इससे पूछताछ के आधार पर ही रामू राम राइका को एसओजी ने हिरासत में लिया है, जिसकी किसी भी पल गिरफ्तारी हो सकती है. ध्यान देने वाली बात है कि रामूराम राईका वर्ष 2018 से 2022 तक आरपीएससी के सदस्य रहे हैं.
डमी परीक्षा में खुल गई पोल
दैनिक भास्कर में छपी एक खबर में मुताबिक शोभा राईका (26) और देवेश राईका (27) का डमी एग्जाम लिया गया. चूंकि शोभा राईका ने इंटरव्यू में 50 में से 34 अंक हासिल किया था. इसमें शोभा के हिंदी में 188 नंबल मिले थे. एसओजी ने शोभा का डमी एग्जाम लिया. शोभा हिंदी में 200 में से 24 और सामान्य ज्ञान में 200 में से 34 अंक ला पाईं. वहीं देवेश का एसओजी ने दोबारा डमी एग्जाम लिया तो वे हिंदी में 200 में से 69 और सामान्य ज्ञान में 200 में से 59 अंक ही ला पाए.
बता दें कि एसओजी ने उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में कुल 63 लोगों की गिरफ्तारी की है जिनमें 37 चयनित अभ्यर्थी है. इनमें से 33 ऐसे थानेदार हैं जो जॉइनिंग के बाद ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ले रहे थे. वहीं तीन ऐसे हैं जिनका चयन हुआ, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया. एसओजी के शिकंजे से बचने की खूब कोशिश भी कर रहे हैं, लेकिन एसओजी उनसे चार कदम आगे है.
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