Rajasthan: झूठा साबित हुआ CM भजनलाल का कोयला आपूर्ति का दावा? छत्तीसगढ़ के सीएम बोले- 'ऐसा कुछ भी नहीं हुआ' 

राजस्थान तक

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Bhajanlal Sharma
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Rajasthan: सीएम भजनलाल द्वारा 12 जुलाई को एक ट्टीट किया गया, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार का कोयला आपूर्ति करने को लेकर आभार जताया. अब इसी संबध में छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कोयला आपूर्ति को लेकर मंजूरी से इनकार कर दिया. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, उनकी तरफ से ऐसा गलती से हो गया होगा. दोनों सीएम के विरोधाभास सामने आने के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने निशाना साधा है. 

सीएम भजनलाल ने 12 जुलाई को किया था ट्वीट 

सीएम भजनलाल शर्मा ने 12 जुलाई को ट्टीट करते हुए एक लंबी पोस्ट लिखकर छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए लिखा था, "छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति हेतु हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान किए जाने पर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी का समस्त राजस्थान परिवार की ओर से हार्दिक धन्यवाद"

छत्तीसगढ़ के सीएम ने दिया ये बयान

रायपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने भजनलाल सरकार के दावे का खंडन कर दिया. उन्होंने कहा - ऐसी कोई बात नहीं है. हमारी तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. सीएम साय ने कहा कि उनकी तरफ से कोई गलती हो गई होगी. 

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गहलोत ने साधा निशाना

पूर्व सीएम अशोक ने निशाना साधते हुए लिखा, " यह बेहद ही आश्चर्यजनक है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बयानों में विरोधाभास है. राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल जी दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति हेतु हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी है पर आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय कहते हैं कि ऐसी कोई बात ही नहीं है.

राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जनता को इसकी सच्चाई बताई जानी चाहिए. क्या दोनों मुख्यमंत्रियों को अधिकारी इस मुद्दे पर गुमराह कर रहे हैं या दोनों मुख्यमंत्री मिलकर अपने-अपने राजनीतिक हितों के अनुरूप जनता को गुमराह कर रहे हैं. बिजली जैसे जरूरी मुद्दे पर दोनों सरकारों को संवेदनशील होने की आवश्यकता है पर इस तरह की भ्रम फैलाने वाली राजनीति से किसका भला होगा?
 

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