फोन टैपिंग मामले में शेखावत को मिल गया बड़ा हथियार! ऑडियो सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री बोले- सच आ गया सामने

Ashok Sharma

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पूर्व सीएम अशोक गहलोत और उनके ओएसडी रहे लोकेश शर्मा के बीच बातचीत का कथित ऑडियो सामने आने के बाद अब सियासत गरमा गई है. साल 2020 में कांग्रेस के भीतर गुटबाजी का यह किस्सा 4 साल बाद एक बार फिर सुर्खियों में है. बता दें कि इस टेंपकांड के मामले में खुद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अशोक गहलोत की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला है. ऐसे में शेखावत ने इस मुद्दे पर गहलोत को जमकर घेरा. केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री ने कहा कि जिस शपथ को लेकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर गहलोत आसीन हुए थे, उस शपथ का उन्होंने अनादर किया. जो बातें मैं चीख-चीखकर मीडिया के माध्यम से सरकार को सुनाना चाहता था, न्यायालय को सुनाना चाहता था. वो सभी बातें अब इस ऑडियो के साथ स्वतः ही स्पष्ट हो गई हैं.

शेखावत ने कहा कि अपनी हिलती हुई कुर्सी को बचाने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने मंत्रियों, अपने लोगों और दूसरी पार्टी के नेताओं के फोन टैप कराए. फोन टैपिंग अपराध है. तत्कालीन सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री होने के नाते उसको खुद एक ऑडियो टैप के माध्यम से, एक पेन ड्राइव देकर लीक करने का काम किया.

उन्होंने कहा कि चूंकि यह वाद न्यायालय में लंबित है, इसलिए अब फैसला न्यायालय को करना है. लेकिन सबकुछ राजस्थान की जनता के सामने स्पष्ट हो गया है. वहीं, 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले पर बोलते हुए कहा "कांग्रेस पार्टी, जिसने 1975 में आपातकाल लगाकर संविधान की हत्या और उसे कुचलना का काम किया. संवैधानिक संस्थाओं को दबाने और कुचलने का काम किया और संवैधानिक संस्थाओं का चीरहरण किया. जिन लोगों के हाथ संविधान की हत्या के खून से रंगे हुए हैं, वो कांग्रेस पार्टी और उसके नेता अब संविधान की पुस्तक हाथ में लेकर संविधान बचाओ का नारा देते हैं."

लोकेश शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में किया था खुलासा, लेकिन टेप अब हुआ वायरल

बता दें कि सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय जुलाई 2020 में उठा फोन टैपिंग विवाद एक बार फिर से सुर्खियों में है. इसकी वजह ये है कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत और उनके पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा के बीच बातचीत का कथित ऑडियो सामने आया है. लोकसभा चुनाव के दौरान खुद लोकेश शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस की थी. जिसमें गहलोत पर सचिन पायलट की जासूसी करवाने के आरोप लगाए थे. लेकिन उस वक्त उन्होंने वो ऑडियो टेप नहीं दिया था जो अब सामने आया है.

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