राजस्थान की डिप्टी सीएम बनीं दीया कुमारी, जानें इनका राजघराने से लेकर राजनीति का सफर

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राजस्थान की डिप्टी सीएम बनीं दीया कुमारी, जानें इनका राजघराने से लेकर राजनीति का सफर
राजस्थान की डिप्टी सीएम बनीं दीया कुमारी, जानें इनका राजघराने से लेकर राजनीति का सफर
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deputy cm of rajasthan Diya Kumari full profile: राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election Result 2023) के नतीजों के बाद आखिरकार वो वक्त आ गया जब मुख्यमंत्री पद का ऐलान हो गया. फोटो सेशन में चौथी लाइन में बैठे भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान कर दिया गया. इधर सीएम की रेस में शामिल दीया कुमारी को डिप्टी सीएम बनाया गया है. आइए जानते हैं कौन हैं दीया कुमारी?

दीया कुमारी विद्याधरनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं. दीया कुमारी को कुल 158516 वोट मिले हैं और उन्होंने कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 71368 वोटों के अंतर से हराया है. इस बड़ी जीत के बाद दीया कुमारी के सीएम बनने की चर्चाएं भी तेज हो गई थीं.

जयपुर के पूर्व राजपरिवार से हैं दीया कुमारी

जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य दीया कुमारी का जन्म 30 जनवरी 1971 को हुआ था. वे जयपुर के पूर्व राजपरिवार से हैं. वह जयपुर के पूर्व महाराजा व होटल व्यवसायी ब्रिगेडियर भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की बेटी हैं. कुमारी ने मॉडर्न स्कूल (नई दिल्ली), जीडी सोमानी मेमोरियल स्कूल (मुंबई) और महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल (जयपुर) से पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने लंदन में डेकोरेटिव आर्ट्स का कोर्स किया. अपनी खूबसूरती और राजनीतिक सूझबूझ के लिए पहचानी जाने वाली दीया फिलहाल राजस्थान की राजनीति में काफी सक्रिय है.

2013 में जॉइन की भारतीय जनता पार्टी

दीया कुमारी का राजनीतिक सफर बेहद ही शानदार रहा है. उन्होंने साल 2013 में भारतीय जनता पार्टी जॉइन करने के बाद उसी साल सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं. इसके बाद वह 2019 में राजसमंद सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ी और सांसद बनीं. वर्तमान में दीया कुमारी राजस्थान बीजेपी में महिला मोर्चे की प्रदेश प्रभारी हैं. राजनीति के अलावा वह अपना खुद का एनजीओ भी चलाती हैं. इसके साथ ही स्कूल और होटल व्यवसाय में भी उनकी खास रुचि है.

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लव मैरिज और तलाक की भी रही चर्चा

ऐसा माना जाता है कि राजघरानों से जुड़े लोग अपने समकक्षों में ही शादी करते हैं. लेकिन दीया कुमारी ने इस बात को गलत साबित कर दिया. उन्होंने राजपरिवार से बाहर के व्यक्ति नरेंद्र सिंह प्यार किया और 1994 में शादी कर ली. ये शादी उस समय काफी विवादों में रही. विवाद की वजह थी कि दीया और नरेंद्र सिंह दोनों एक ही गोत्र के थे. इसके चलते राजा भवानी सिंह को राजपूत महासभा के अध्यक्ष का पद भी छोड़ना पड़ा. हालांकि शादी के 21 साल बाद यह रिश्ता तलाक पर जाकर खत्म हुआ. दीया व नरेंद्र सिंह के दो बेटे पद्मनाभ सिंह व लक्ष्यराज सिंह और बेटी गौरवी है.

ताजमहल की मिल्कियत का किया दावा

दीया कुमारी अक्सर कॉन्ट्रोवर्सी में भी रहती हैं. साल 2019 में दीया कुमारी ने दावा किया था कि उनका परिवार भगवान राम का वंशज है. उन्होंने यह भी कहा था उनके पिता कुश के 309वें वंशज थे. यही नहीं, वह सुप्रीम कोर्ट में अपने परिवार के वंश का सबूत देने को भी तैयार थीं. इसके अलावा उनके उस बयान ने भी सनसनी पैदा कर दी थी जब उन्होंने विश्व प्रसिद्ध ताजमहल पर मिल्कियत का दावा किया. साल 2022 में उन्होंने कहा था कि ताजमहल जयपुर के पूर्व राजपरिवार का एक महल था जिस पर शहाजहां ने कब्जा कर लिया था. दीया ने यह भी बताया कि उस वक्त मुगलों की सरकार थी इसलिए राजपरिवार ज्यादा विरोध नहीं कर सका. उन्होंने सबूत के तौर पर अपने पास इसके कागजात होने का भी दावा किया था.

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CM का चुनाव करना BJP के लिए नहीं होगा आसान

राजस्थान में चुनाव जीतने के बाद बीजेपी में सीएम फेस चुनने के लिए माथापच्ची तेज हो गई हैं. जिन नेताओं का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है उनमें दीया कुमारी भी शामिल हैं. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी एक्टिव हो गई हैं. बीजेपी ने बिना किसी सीएम फेस के इस बार विधानसभा चुनाव लड़ा था. इसलिए बीजेपी के लिए किसी भी चेहरे पर मुहर लगाना काफी मुश्किल भरा होगा. क्योंकि ऐसा करने पर पार्टी के अंदर बगावत का भी खतरा हो सकता है. ऐसे में पार्टी काफी सोच समझकर किसी ऐसे चेहरे का चुनाव करने के प्रयास में जुटी है जिसपर विरोध कम से कम हो.

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