क्या अशोक गहलोत (Ashok gehlot) और सचिन पायलट (sachin pilot) के बाद गोविंद सिंह डोटासरा (govind singh dotasara) राजस्थान कांग्रेस में तीसरी शक्ति के रूप में उभर रहे हैं? ये सवाल इसलिए क्योंकि विधानसभभा से लेकर लोकसभा चुनावों में जिस तरह से गोविंद सिंह डोटासरा ने सुर्खियां बंटोरी है, उसके बाद कहा जाने लगा कि गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान कांग्रेस का तीसरा स्तंभ बन चुके हैं.
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इस बार राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला है. आखिर क्या वजह है कि जो कांग्रेस लगातार दो बार से 25 सीटें हारती आई है वो इस बार अच्छी खासी स्थिति में नजर आ रही है? कुछ लोग इसका श्रेय कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को दे रहे हैं.
मानेसर एपिसोड ने बदली डोटासरा की किस्मत!
कुछ जानकारों का कहना है कि साल 2020 में मानेसर एपिसोड के रूप में कांग्रेस के अंदर जो राजनीतिक तूफान आया, उसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. उनके नेतृत्व में हुए उपचुनाव व निकाय चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करके उभरती है. डोटासरा के नेतृत्व में लड़े गए दरियाबाद के उपचुनाव में बीजेपी की जमानत जब्त हो गई थी. अब गहलोत और पायलट के बाद डोटासरा का भी नाम लिया जाने लगा है. लोकसभा चुनावों में तो उनके प्रचार करने का अंदाज जमकर सुर्खियां बटोर रहा है. जिस तरह से गोविंद सिंह डोटासरा अपने चुनावी प्रचार में डांस करते हैं, उसके वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं.
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