रामलला के प्रति ऐसी श्रद्धा: बाड़मेर से दर्शन के लिए पैदल निकल पड़े दो शख्स, 45 दिन में पहुंचेंगे अयोध्या

Dinesh Bohra

• 01:32 AM • 29 Dec 2023

Barmer: अयोध्या (Ram Mandir Ayodhya) में 22 जनवरी 2024 को नवनिर्मित मंदिर में रामलला विराजित होने वाले हैं. इससे पहले देश और विदेश के लोग रामलला के दर्शनों को आतुर हैं

रामलला के प्रति ऐसी श्रद्धा: बाड़मेर से दर्शन के लिए पैदल निकल पड़े दो शख्स, 45 दिन में पहुंचेंगे अयोध्या

रामलला के प्रति ऐसी श्रद्धा: बाड़मेर से दर्शन के लिए पैदल निकल पड़े दो शख्स, 45 दिन में पहुंचेंगे अयोध्या

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Barmer: अयोध्या (Ram Mandir Ayodhya) में 22 जनवरी 2024 को नवनिर्मित मंदिर में रामलला विराजित होने वाले हैं. इससे पहले देश और विदेश के लोग रामलला के दर्शनों को आतुर हैं और अपनी सुविधा के अनुसार अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शनों की अभिलाषा अपने मन में पाले हुए हैं. इसी बीच इंडो-पाक बॉर्डर के सीमांत बाड़मेर जिले के सीमावर्ती गांव के दो शख्स रामलला के दर्शनों के लिए पैदल ही रवाना हो चुके हैं. करीब 1300 किलोमीटर की पैदल यात्रा और 45 दिन का सफर. इन दोनों को जिसने भी सड़कों पर जय श्री राम के जयकारे लगाते देखा. हर कोई इनकी भक्ति का कायल होता नजर आया.

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दरअसल, पश्चिमी राजस्थान की भारत-पाक सीमा से लगते बाड़मेर जिले के सीमावर्ती गिराब गांव के निवासी धावक हाकमसिंह राजपुरोहित ने जब अयोध्या रामलला मंदिर के निर्माण के बारे में सुना तो गिराब गांव से पैदल अयोध्या जाने का ठान लिया. जब हाकमसिंह को लगा कि वो सफर में अकेला पड़ जाएगा तो कोई साथी ढूंढने लगा. ताकि, उसे अकेलापन महसूस ना हो. पास ही के गांव गंगासरा में 48 वर्षीय मानसिंह राठौड़ को चुना. दोनों में आपस में बातचीत की और तय हुआ कि दोनों गांव से 45 दिन की यात्रा कर 1300 किलोमीटर दूर अयोध्या की दूरी तय कर रामलला के दर्शन करेंगे. फिर क्या था, 25 दिसंबर को दोनों गिराब गांव के नागणेचिया माता के मंदिर से रवाना हुए हैं और अगले 45 दिन में अयोध्या पहुंचकर भगवान श्री राम के दर्शन करेंगे.

करीब 1300 किलोमीटर लंबी यात्रा 

हाकमसिंह राजपुरोहित और उसके पड़ोसी गांव का 48 वर्षीय मानसिंह दोनों जय श्री राम का जयकारा लगाते हुए 25 दिसंबर को अयोध्या के लिए निकल पड़े. हाकमसिंह के मुताबिक वह धावक हैं और कई प्रतियोगिताओं के भाग ले चुका है. उसकी इच्छा थी कि पैदल यात्रा कर अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन करें. वहीं उसके साथी मानसिंह ने बताया कि अब तक वह गिराब गांव से रामदेवरा (करीब 220) किलोमीटर की यात्रा प्रतिवर्ष साल 2000 से 2021 तक लगातार 21 बार कर चुका हूं. उसके बाद गिराब से बीकानेर के देशनोक करीब 525 किलोमीटर (करनी माता धाम) की यात्रा भी की. अब भगवान श्री राम की अयोध्या नगरी के लिए 1300 किलोमीटर की यात्रा पर हाकमसिंह के साथ निकला हूं.

पहले दो दिन में मुश्किल हुई

दोनों पैदल यात्रियों का कहना है कि पहले दो दिन में पांव में दर्द हुआ. लेकिन, अब जिस तरह से पांव अपने आप ऊर्जा से साथ आगे बढ़ रहे हैं. उससे लगता है कि भगवान श्री राम स्वयं अंगुली पकड़कर आगे चला रहे हैं. दोनों जातरुओं का कहना है कि करीब 1300 किलोमीटर लंबी यात्रा है. जो हम 45 दिन में पूरी करने वाले हैं. दो दिन में करीब 110 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. एक गाड़ी साथ में चल रही हैं. जो खाने पीने के साथ हमारी अन्य व्यवस्थाएं कर रही हैं. अब ना थकेंगे और ना ही रुकेंगे. रामलला के दर्शन करके ही अपनी थकान मिटाएंगे. हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमारी हर मनोकामना को पूर्ण करेंगे. इसके साथ ही दोनों जातरुओं ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी गुणगान किया.

 

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