Jaipur: 17 साल पहले झाड़ियों में मिली थी लावारिस बेटी, पुलिस ने गोद लेकर भरा मायरा

विशाल शर्मा

16 Jul 2023 (अपडेटेड: Jul 17 2023 4:48 AM)

Jaipur: जयपुर की सांभर लेक पुलिस को 17 साल पहले झाड़ियों में लावारिश मिली 4 वर्षीय मासूम गुड़िया के हाथों में महेंदी रची देख पुलिसकर्मियों की आंख झलक गई. जिस बच्ची को मां का आंचल और पिता का प्यार नहीं मिला, उसे पुलिसकर्मियों ने ही वर्षों पहले गोद लिया और एक परिवार के हाथों उसे […]

Jaipur: 17 साल पहले झाड़ियों में मिली थी लावारिस बेटी, पुलिस ने गोद लेकर भरा मायरा, DSP में ओढ़ाई चुनरी

Jaipur: 17 साल पहले झाड़ियों में मिली थी लावारिस बेटी, पुलिस ने गोद लेकर भरा मायरा, DSP में ओढ़ाई चुनरी

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Jaipur: जयपुर की सांभर लेक पुलिस को 17 साल पहले झाड़ियों में लावारिश मिली 4 वर्षीय मासूम गुड़िया के हाथों में महेंदी रची देख पुलिसकर्मियों की आंख झलक गई. जिस बच्ची को मां का आंचल और पिता का प्यार नहीं मिला, उसे पुलिसकर्मियों ने ही वर्षों पहले गोद लिया और एक परिवार के हाथों उसे सौंपकर उसका खर्च भी उठाया. अब जब बच्ची बड़ी हो गई और उसकी शादी होने जा रही है तो भला पुलिसकर्मी कहां पीछे रहने वाले थे. उन्होंने ने भी गुड़िया की शादी में शरीक होकर धूमधाम से बिटिया में मायरा भर सामाजिक सरोकार निभाया.

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सांभर लेक थाना पुलिस पूरे लवाजमे के साथ गोद ली गई बिटिया ‘देगी’ के घर पहुंचा. जहां ढोल नगाड़ो के साथ उनका जोरदार स्वागत-सत्कार हुआ. फिर डीएसपी लक्ष्मी सुथार ने सबसे पहले देगी का तिलक कर उसको चुनरी ओढ़ाई तो बिटिया के साथ-साथ सबकी आंखे भर आई. इसके बाद साथी पुलिसकर्मियों ने 51 हजार रुपए नगद और सोने-चांदी के आभूषण भेंट कर मायरे की रश्मे निभाई. कड़क वर्दी वाली पुलिस का ऐसा व्यवहार देख हर कोई उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ने लगा.

तत्कालीन थाना अधिकारी ने गोद ली थी बच्ची

बता दें कि देगी जब 4 साल की थी तब साल 2006 में सांभर थाना इलाके में झाड़ियों में रोती-बिलखती मिली. संभवत कलयुगी मां-बाप बेटे की चाहते में उसे झाड़ियों में छोड़ कर चले गए. इसके बाद पुलिस ने परिजनों की खूब तलाश की लेकिन वो नहीं मिले. उस समय तत्कालीन थाना अधिकारी रामफूल सिंह ने बिटिया को गोद लेने का फैसला किया और उन्होंने एक ढोली परिवार को लालन-पालन के लिए सुपुर्द कर दिया. उसी समय बच्ची का नाम ‘देगी’ रखा गया.

पुलिसकर्मियों ने शादी में भरा मायरा

इसके बाद सांभरलेक थाना पुलिस देगी के भरण-पोषण की राशि उस परिवार को देती रही. देखते ही देखते कई थानेदार आए और कई गए लेकर उन्होंने बिटिया का खूब ख्याल रखा. आज जब बिटिया बालिग हो गई तो सबके चेहरे पर ख़ुशी के साथ-साथ आंखों में आंसू भी थे क्योंकि अब वो अपने जिंदगी के नए सफर पर चल पड़ी है.

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