‘अढाई दिन का झोपड़ा’ को लेकर अब अजमेर के उपमहापौर ने भी कर दी मांग, केंद्र को लिखा पत्र

चंद्रशेखर शर्मा

• 03:22 PM • 12 Jan 2024

Adhai Din Ka Jhonpra: अजमेर स्थित ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ (Adhai Din Ka Jhonpra) बीजेपी सांसद रामचरण बोहरा के बयान के बाद से चर्चा में है. बोहरा ने कहा था कि “अढाई दिन के झोपड़े को बनाने के लिए वहां मौजूद संस्कृत विद्यालय को तोड़ा गया था. अब वो दिन दूर नहीं जब एक बार […]

बीजेपी सांसद के बयान से चर्चा में आया ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’, जानें क्या कहता है इसका इतिहास

बीजेपी सांसद के बयान से चर्चा में आया ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’, जानें क्या कहता है इसका इतिहास

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Adhai Din Ka Jhonpra: अजमेर स्थित ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ (Adhai Din Ka Jhonpra) बीजेपी सांसद रामचरण बोहरा के बयान के बाद से चर्चा में है. बोहरा ने कहा था कि “अढाई दिन के झोपड़े को बनाने के लिए वहां मौजूद संस्कृत विद्यालय को तोड़ा गया था. अब वो दिन दूर नहीं जब एक बार फिर से यहां संस्कृत के मंत्र गूंजेंगे.” अब ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ को लेकर अजमेर नगर निगम में उपमहापौर और बीजेपी नेता नीरज जैन ने भी पत्र लिख दिया है. केंद्र सरकार को लिखे पत्र में उन्होंने संस्कृत विद्यालय खोले जाने की मांग की है.

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बता दें कि अजमेर स्थित अढ़ाई दिन का झोपड़ा करीब 800 साल पुरानी मस्जिद है. इसका इतिहास काफी विवादास्पद माना जाता है. कुछ इतिहासकारों का कहना है कि इस इमारत की जगह पहले एक संस्कृत कॉलेज हुआ करता था.

जब 12वीं सदी में अफगान शासक मोहम्मद गोरी ने भारत पर हमला किया, तब वह घूमते हुए यहां आ निकला. उसी के आदेश पर उसके सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने संस्कृत कॉलेज को तुड़वाकर उसकी जगह मस्जिद बनवा दी.

पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर भी है संस्कृत कॉलेज का जिक्र

राजस्थान पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट पर एक लेख के मुताबिक, मूल रूप से ‘अढ़ाई दिन का झोंपड़ा’ कहलाने वाली इमारत एक संस्कृत महाविद्यालय था. 1198 ई. में सुल्तान मुहम्मद गौरी ने इसे मस्जिद में तब्दील करवा दिया. हिन्दू व इस्लामिक स्थापत्य कला के इस नमूने को 1213 ई. में सुल्तान इल्तुतमिश ने और ज्यादा सुशोभित किया.

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