Rajasthan News: इस मासूम को लगा 17 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का इंजेक्शन, जानिए क्या है ये दुर्लभ बीमारी?

विशाल शर्मा

14 May 2024 (अपडेटेड: May 14 2024 10:01 PM)

गंभीर बीमारी से जूझ रहे राजस्थान के एक मासूम ह्रदयांश को 17.50 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाया है. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से जिंदगी की जंग लड़ रहे इस मासूम का इलाज जयपुर के जेके लोन अस्पताल में चल रहा था.

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गंभीर बीमारी से जूझ रहे राजस्थान के एक मासूम ह्रदयांश को 17.50 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाया है. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से जिंदगी की जंग लड़ रहे इस मासूम का इलाज जयपुर के जेके लोन अस्पताल में चल रहा था. जिसके चलते वह बीतें 23 महीने से हॉस्पिटल में भर्ती था. जब उसके परिवार को इस इंजेक्शन के बारे में बताया गया तो उनके सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई थी. क्योंकि उनके पास इतनी धनराशि नहीं थी. लेकिन इसके बाद क्राउड फंडिंग के चलते यह मुमकिन हुआ. परिवार ने इसके लिए भारतीय क्रिकेटर से लेकर बड़े राजनेताओं से मदद मांगी. जिसके चलते यह संभव हो पाया. जयपुर के जेके लोन अस्पताल के रेयर डिजीज के इंचार्ज डॉ प्रियांशु माथुर और उनकी टीम ने बच्चें के यह इंजेक्शन लगाया है.

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डॉ. प्रियांशु माथुर ने बताया कि ह्रदयांश को इंजेक्शन लगा दिया गया है, जिसके बाद उसकी तबीयत स्थिर है और उसे कोई तकलीफ नहीं है. ह्रदयांश को इंजेक्शन लगाने के बाद आगे दो महीने तक दवाइयां चलेगी. फिलहाल उसे 24 घंटे के लिए ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. यदि सब कुछ ठीक रहता है तो उसके बाद उसे डिस्चार्ज कर देंगे. 

क्या होती है यह बीमारी?

उन्होंने कहा कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी 2 से 4 साल के बच्चें में देखी गई है, इस बीमारी के कारण बच्चें के मसल्स में कमजोरी आती है और सांस रुकने की संभावना रहती है. लेकिन देश में लगभग 3500 बच्चों को यह इंजेक्शन लग चुका है. यही नहीं अच्छी बात यह है कि यह दवा लगने बाद लगभग सभी बच्चों की जान बच गई. हालांकि इस दवा का असर एक सप्ताह में दिखने लग जाता है, लेकिन कम्प्लीट रेस्पॉन्स आने में समय लगता है. 

पिता हैं पुलिस इंस्पेक्टर, क्रिकेटर ने भी की मदद

दरअसल ह्रदयांश के पिता राजस्थान पुलिस में इंस्पेक्टर है और उन्हें बच्चें के जन्म के 6 महीने बाद जब बच्चा पैरों पर खड़ा नहीं हुआ. तब इस दुर्लभ बीमारी का पता चला. लेकिन जब इसके इलाज के लिए इंजेक्शन के लिए 17.50 करोड़ रुपए के खर्च का पता चला तो परिवार मानों टूट सा गया. फिर भी ह्रदयांश के पिता नरेश शर्मा ने हिम्मत नहीं हारी और सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई. माता-पिता के इस दिल के टुकड़े को अपना समझ हर किसी ने मदद को आगे हाथ बढ़ाए.

मासूम की मदद के लिए राजस्थान के कई सरकारी कर्मचारियों ने अपने महीनों की सैलेरी डोनेट कर दी. यहां तक कि विधायकों ने अपने कोष से उसकी मदद की. साथ ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी मदद के लिए मंत्रियों ने पत्र लिखें. यही नहीं, भारतीय क्रिकेटर दीपक चाहर और सरफराज खान ने भी वीडियो जारी कर ह्रदयांश के लिए आगे आए. हालांकि क्राउड फंडिंग से 9 करोड़ रुपए ही जमा हुए. लेकिन अमेरिकी कंपनी ने भी ह्रदयांश के इलाज में मदद करते हुए इंजेक्शन की राशि को चार किश्तों में जमा कराने की छूट दी है. अब ह्रदयांश को इंजेक्शन लगने के बाद उसके परिजनों के खुशी के आंसू झलक उठे. हर कोई टकटकी लगाए मासूम को दुलारता दिखा और बच्चें के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहा है.

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