औषधियों का भंडार है गेहूं की ये किस्म, सामान्य से 4 गुना मंहगा लेकिन फायदे ऐसे कि बाजार में बढ़ गई डिमांड

Himanshu Sharma

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सेहत के लिहाज से पोषण और विटामिनयुक्त आहार एक बड़ी जरूरत है. इसी वजह से देश में काले गेहूं की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. इसकी मांग बढ़ने के पीछे खास वजह है. यह काफी फायदेमंद होने के साथ ही कई बीमारियों से छुटकारा भी देता है. काले गेहूं को औषधि की खान तक कहा जाता है. काला गेहूं किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है. मांग बढ़ने के साथ ही किसानों को इस फसल के अच्छे खासे दाम मिल रहे हैं.  

दरअसल, काले गेहूं में जिंक, कॉपर, फाइबर, कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस व कार्बोहाइड्रेट जैसी विटामिन भी काले गेहूं में पाए जाते हैं. प्रोटीन की भरपूर मात्रा के साथ ही मैग्नीशियम आयरन की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है. साथ ही इस गेहूं में विटामिन B1, B2, B3, B5 और B9 जैसे तत्व होते हैं.

इन इलाकों में होती है पैदावार

काले गेहूं की पैदावार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व पंजाब सहित आसपास के क्षेत्र में होती है. राजस्थान के अलवर जिले में काले गेहूं की पैदावार शुरुआती दौर में है. लेकिन बाजार में बढ़ रही डिमांड के चलते अब किसान ज्यादा से ज्यादा काला गेहूं पैदा करने लगे हैं. राजगढ़, मालाखेड़ा, लक्ष्मणगढ़, तिजारा, कोटकासिम, बानसूर, मुंडावर सहित जिले के आसपास क्षेत्र में इसकी काफी पैदावार होती है.

सामान्य गेहूं के मुकाबले पैदावार कम, लेकिन दाम ज्यादा

हालांकि सामान्य गेहूं के मुकाबले काले गेहूं की पैदावार 10 से 20 फीसदी कम होती है. लेकिन किसानों को काले गेहूं के तीन से चार गुना तक दाम मिलते हैं. बाजार में काला गेहूं 7 हजार से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिकता है. जबकि सामान्य गेहूं के भाव 2 हजार 500 प्रति क्विंटल है. आयरन की मात्रा ज्यादा होने से व्यक्ति के शरीर में खून की कमी नहीं होती है. एनीमिया बीमारी में भी यह गेहूं फायदेमंद होता है. साथ ही हार्ट डिजीज के खतरों को भी कम करता है. काला गेहूं खून में फैट बढ़ने नहीं देता और मैग्नीशियम की मात्रा अच्छी होने से कोलेस्ट्रॉल कम करता है. 

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