Bhilwara: मिल मजदूर की बेटी ने कुश्ती में जीता गोल्ड, देश का प्रतिनिधित्व करते हुए लगातार दूसरी बार रचा इतिहास
जॉर्डन की राजधानी अम्मान में संपन्न हुई एशियन कुश्ती प्रतियोगिता में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाली खिलाड़ी राजस्थान की बेटी है. भीलवाड़ा की रहने वाली अश्विनी बिश्नोई ने विदेशी सरजमीं पर अपनी काबिलियत और बलबूते पर देश और प्रदेश के साथ अपने परिवार का नाम रोशन किया है.
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जॉर्डन की राजधानी अम्मान में संपन्न हुई एशियन कुश्ती प्रतियोगिता में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाली खिलाड़ी राजस्थान की बेटी है. भीलवाड़ा की रहने वाली अश्विनी बिश्नोई ने विदेशी सरजमीं पर अपनी काबिलियत और बलबूते पर देश और प्रदेश के साथ अपने परिवार का नाम रोशन किया है. बीतें सोमवार को जब अश्विनी बिश्नोई ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 15 वर्ष आयु और 65 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने की खबर सुनते ही उसके घर शुभकामनाओं का तांता लग गया.
आपको जानकर हैरानी होगी कि विजेता अश्वनी बिश्नोई के पिता मुकेश बिश्नोई एक मिल में मजदूरी करते हैं. इस जीत के बाद हर तरफ देश-विदेश में गोल्ड मेडल विजेता अश्वनी बिश्नोई की खूब चर्चा हो रही है.
अश्वनी ने चीन की महिला पहलवान को दी करारी शिकस्त
15 वर्षीय एशियन चैंपियन ने 65 किलोग्राम भार वर्ग में लगातार दूसरी बार भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश और माता-पिता का नाम रोशन किया है. विजेता अश्वनी बिश्नोई ने चीन की पहलवान को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. भीलवाड़ा की इस खिलाड़ी की एशियन कुश्ती प्रतियोगिता में यह लगातार दूसरी जीत है.
पिता भी थे पहलवान, बेटी ने किया सपना पूरा
विजेता खिलाड़ी के पिता मुकेश बिश्नोई एक मिल में मजदूरी करते हैं. जानकारी के मुताबिक मुकेश बिश्नोई खुद भी पहलवान थे. लेकिन घर की जिम्मेदारियों और आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से आगे कुश्ती नहीं लड़ पाए और देश के लिए कुश्ती में मेडल जीतने का सपना अधूरा ही रह गया. अब उनका मेडल जीतने का सपना उनकी बेटी ने पूरा किया है.
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इस शानदार जीत और गोल्ड मेडल को अपने नाम करने के लिए अश्विनी बिश्नोई ने काफी पसीना बहाया है. भारत के लिए दूसरी बार स्वर्ण पदक जीतने पर उसके परिवार में अब जश्न का माहौल है. जब गोल्ड मेडल जीतने के बाद बेटी अपने घर पहुंची तो जोरदार स्वागत किया गया. इस जीत के बाद देशभर में गोल्डन गर्ल की चर्चा हो रही है. मीडिया से बातचीत के दौरान चैंपियन ने इस जीत का श्रेय अपने पिता मुकेश बिश्नोई और अपने गुरू को दिया है. अब अश्विनी बिश्नोई का सपना ओलंपिक कुश्ती में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है.
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