नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर छिड़ा संग्राम, CM गहलोत ने भी ट्वीट कर उठाए सवाल

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नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर छिड़ा संग्राम, CM गहलोत ने भी ट्वीट कर उठाए सवाल
नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर छिड़ा संग्राम, CM गहलोत ने भी ट्वीट कर उठाए सवाल
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Ashok Gehlot On Changing The Name Of Nehru Memorial: नई दिल्ली में स्थित तीन मूर्ति भवन जिसे बाद में संग्रहालय में तब्दील कर नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) नाम दिया गया. अब ये नाम भी बदल दिया गया है. 14 अगस्त 2023 से अब इसका नाम ‘प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी’ (PMML) कर दिया गया है. नाम बदलने पर राजस्थान (rajasthan news) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) ने भी आपत्ति जताई है और ट्वीट कर कहा है कि ‘केंद्र की NDA सरकार अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों द्वारा किए गए कार्यों का नाम बदलने के लिए किस स्तर तक जाएगी यह समझ के परे है. यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर आगे कहा- किसी भी प्रधानमंत्री को तो गर्व होना चाहिए कि इस देश को पंडित जवाहर लाल नेहरू जी जैसे पहले प्रधानमंत्री मिले जिन्होंने 17 साल के कार्यकाल में मजबूत भारत की आधारशिला रखी और IIT, IIM, BARC, BHEL, योजना आयोग, भाखड़ा नांगल बांध, नागार्जुन सागर बांध समेत तमाम प्रीमियर संस्थान और परियोजनाएं बनाईं जिनकी भारत के विकास में अहम भूमिका है. नॉन अलाइन मूवमेंट (NAM) और पंचशील के सिद्धांत पंडित नेहरू की देन हैं.

नाम बदलकर क्या हासिल करना चाहते हैं- गहलोत

गहलोत ने ट्वीट में आगे कहा- ‘भारत के साथ ही आजाद हुए 6 गुना कम आकार और जनसंख्या वाला पाकिस्तान आज बर्बाद होने की कगार पर है. वहां जनता के लिए भोजन तक उपलब्ध नहीं है और आर्थिक स्थितियों से गृह युद्ध के हालात बने हुए हैं. यह समझ नहीं आता कि ऐसे महान व्यक्ति जिस घर में 16 साल रहे, जिस जगह की पहचान ही नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रूप में है, उसका नाम बदल कर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर वो क्या हासिल करना चाहते हैं.’

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ध्यान देने वाली बात है कि पीएम म्यूजिएम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश ने 15 अगस्त को ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा- ‘समाज के लोकतंत्रीकरण और विविधीकरण के अनुरूप, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब 14 अगस्त, 2023 से प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी है. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं !’

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क्यों बदला गया नाम

दरअसल, नई दिल्ली स्थित तीन मूर्ति भारत के पहले प्रधानमंत्री का निवास स्थान था. बाद में इसे संग्रहालय बनाकर इसका नाम नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) कर दिया गया. वर्ष 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया था कि तीन मूर्ति वाला नेहरू मेमोरियल देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित होना चाहिए. इसे नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने मंजूर कर लिया. अप्रैल 2022 में इसे जनता के लिए खोला गया. फिर ये महसूस किया जाने लगा कि जैसा संग्रहालय है उसी हिसाब से नाम होना चाहिए. ऐसे में जून 2023 में इसका नाम बदलने पर फैसला हुआ जिसे अमली जामा पहनाने के बाद 14 अगस्त से इस नाम को लागू कर दिया गया.

नाम बदलने के बाद छिड़ा संग्राम

इधर नाम बदलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- जिनका कोई इतिहास नहीं है, वे दूसरों का इतिहास मिटाने चले हैं. इधर राहुल गांधी ने कहा- नेहरू अपने नाम से नहीं कर्म से जाने जाते हैं.

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