Rajasthan: अलवर लोकसभा सीट से यादव उम्मीदवार पर दांव खेल सकती है कांग्रेस, सामने आ रहे ये नाम
Rajasthan Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टियों ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस इस बार यादव समाज के प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतार सकती है.
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Rajasthan Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टियों ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस इस बार यादव समाज के प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतार सकती है. तो भाजपा ब्राह्मण व यादव पर दावा खेल सकती है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह लगातार दो बार चुनाव हार चुके हैं. ऐसे में पार्टी इस बार प्रत्याशी बदल सकती है. दोनों ही पार्टी युवा चेहरा चुनाव मैदान में उतारेगी.
लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही चुनाव की सरगर्मी भी बढ़ने लगी है. चुनाव की तैयारी के लिए जयपुर में पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हो चुकी है. इसमें तय हुआ कि प्रत्याशी चयन में लोकसभा पर्यवेक्षक व जिला प्रभारी चुनाव क्षेत्र में फीडबैक लेने के लिए जाएंगे. लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अलवर से संदीप यादव, सुमन यादव, ललित यादव सहित कुछ लोग अपने बायोडाटा जमा कर चुके हैं. चुनाव लड़ने के लिए कुछ और नाम भी सामने आ रहे हैं. अलवर लोकसभा क्षेत्र में यादव जाति का दबदबा है. 1952 से अब तक हुए लोकसभा चुनाव में 10 बार यादव प्रत्याशी चुनाव जीते हैं. 2018 का उपचुनाव छोड़ दें तो अलवर सीट से भाजपा लगातार पिछले दो लोकसभा चुनाव जीती है. सांसद महंत चंदनाथ के निधन के बाद यह सीट खाली हुई और 2018 में कांग्रेस के डॉक्टर करण सिंह यादव चुनाव जीते.
दो बार हार चुके हैं जितेंद्र सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह अलवर लोकसभा सीट से तीन बार चुनाव लड़े. 2009 में वो एक बार चुनाव जीते. जबकि 2014 में भाजपा प्रत्याशी महंत चंदनाथ और 2019 में महंत बालक नाथ से चुनाव हार गए थे. दोनों चुनाव में यादव वोटों का ध्रुवीकरण देखने को मिला. इन हालातों को देखते हुए कांग्रेस इस बार लोकसभा चुनाव में यादव प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतर सकती है. तो भाजपा भी यादव पर दावा खेल सकती है.
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मंथन में जुटी पार्टी
प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है. इसको लेकर 17 में 18 जनवरी को कांग्रेस की एक स्क्रीनिंग कमेटी, प्रदेश इलेक्शन कमेटी व कोऑर्डिनेटर कमेटी की बैठक जयपुर में हुई थी. इसमें प्रत्याशी चयन पर चर्चा हुई. इन बैठकों में लोकसभा चुनाव के लिए गठित समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे. लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को अहीरवाल इलाके में बड़ी हार मिली. जिसके चलते कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मुह की खानी पड़ी. साथ ही विधानसभा चुनाव में भी भाजपा द्वारा मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई. इसलिए यादव समाज की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया गया. यादव समाज ने धरना दिया. ऐसे में कांग्रेस यादव समाज को अपने पक्ष में लेने की योजना तैयार कर रही है. दूसरी तरफ भाजपा भी यादव समाज को मनाने में जुटी है.
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