पेपर लीक मामले में SOG अधिकारियों ने लिए पैसे? सबूत लेकर एसओजी दफ्तर पहुंच गए डॉ. किरोड़ीलाल मीणा

शरत कुमार

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राजस्थान में पेपर लीक मामले का शोर एक बार फिर सुनाई दे रहा है. बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने एसओजी दफ्तर पहुंचकर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के दौरान पेपरलीक मामले को दबाने के लिए एसओजी के अधिकारियों के पैसे लेने के सबूत सौंपे हैं. मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि जेल में बंद पेपरलीक मामले के सरगना भूपेन्द्र विश्नोई ने उन्हें पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है. जिसमें बताया है कि उसने पेपरलीक की जांच कर रहे जांच अधिकारी मोहन पोसवाल को 64 लाख रूपए दिए हैं.

डॉ. मीणा ने आरोप लगाया "रीट परीक्षा और एसआई परीक्षा में मोहन पोसवाल ने जानबूझकर कर आरोपियों को भगाया और सरकार के कहने पर निर्दोष लोगों को फंसाया. इसमें शामिल लोग विधानसभा में बैठे हैं, उनका भी नाम एसओजी को देकर आया हूं. जनता के सामने नहीं बता रहा हूं, क्योंकि ये भाग जाएंगे."

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पूर्व मंत्री ने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की RAS परीक्षा में भी बड़ी धांधली हुई है. इसके सबूत में दो उत्तर पत्र एसओजी को दिए हैं. जिसमें 45 अंक लानेवाले छात्र को 145 अंक देकर पास कर दिया और वो अभी अधिकारी बनकर नौकरी कर रहा है. इसी तरह से एक उत्तर पत्र में छात्र के सवाल के आगे पेपर जांचने वाले ने 'Not Attempted' लिखा है. बावजूद इसके उस जगह उत्तर लिखकर पास कर दिया गया है. 

साथ ही उन्होंने आरोप लगाए कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्कालीन चेयरमैन शिव सिंह राठौड़ भी आरएएस परीक्षा धांधली में लिप्त हैं, उनकी गिरफ्तारी कर जांच की जानी चाहिए. वहीं, अब इस मामले पर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस ने कहा है कि अगर कोई दोषी है तो सरकार जांच कर सजा दी जानी चाहिए. विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि हमारी सरकार ने गलती की है तो उसकी भी जांच होनी चाहिए. ये युवाओं के भविष्य से जुड़ा मामला है.

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