लाल डायरी का मुद्दा कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी! गुढ़ा को बर्खास्त करना सही है या गलत?
Rajendra Gudha’s dismissal is right or wrong: राजस्थान में लाल डायरी के मुद्दे ने प्रदेश ही नहीं, देश की सियासत में भूचाल ला दिया है. मंत्री पद से बर्खास्तगी के बाद राजेंद्र गुढ़ा ने भी तीखे तेवर अपना लिए हैं. जहां चुनाव से पहले गहलोत सरकार जनता को लुभाने के लिए एक के बाद एक […]
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Rajendra Gudha’s dismissal is right or wrong: राजस्थान में लाल डायरी के मुद्दे ने प्रदेश ही नहीं, देश की सियासत में भूचाल ला दिया है. मंत्री पद से बर्खास्तगी के बाद राजेंद्र गुढ़ा ने भी तीखे तेवर अपना लिए हैं. जहां चुनाव से पहले गहलोत सरकार जनता को लुभाने के लिए एक के बाद एक घोषणाएं की जा रही हैं.
इस बीच राज्य के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के मामले ने काफी सुर्खियां बटोरी है और बीते कुछ सप्ताह से यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. ऐसे में सवाल यही है कि क्या लाल डायरी का मुद्दा कांग्रेस के लिए परेशानी बनने जा रहा है. साथ ही गुढ़ा को बर्खास्त करने का फैसला सही था या गलत? अब इस मामले पर जनता ने राय जाहिर की है.
मुख्यमंत्री अशोक गगहलोत के इस निर्णय को 45 फीसदी वोटरों ने सही ठहराया है. वहीं, 46 फीसदी लोगों का मानना है कि यह गलत है. एबीपी-सी वोटर सर्वे में 9 फीसदी लोगों ने इसमें अपनी राय नहीं दी है, इन लोगों का मानना है कि अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगी.
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लाल डायरी में क्या राज?
दरअसल, राजस्थान विधानसभा में सत्र में मणिपुर हिंसा के दौरान गुढ़ा ने राजस्थान में महिला अत्याचार का मुद्दा उठाया. पूर्व मंत्री ने यहां तक कह दिया कि बीजेपी या केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराने से पहले हमें अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए. जिसके बाद शाम होते-होते गुढ़ा को मंत्री पद से हटाने का फरमान आ गया. बयानबाजी पर कार्रवाई करते हुए गुढ़ा को तत्काल प्रभाव से मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया. इस फैसले के बाद सियासत तेज हो गई. इस सर्वे में 14 हजार 85 लोगों से राय लीगई है. साथ ही प्रदेश के मौजूदा मुद्दों पर 1 हजार 885 लोगों की राय ली गई है.
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