पेशाब कांड के मामले में घिरे MLA गोपाल मीणा! पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आ गई मामले की सच्चाई

Jai Kishan

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Truth of allegations against MLA Gopal Meena: एमपी पेशाब कांड के बाद अब राजस्थान (Rajasthan News) में भी ऐसा मामला सामने आया. जयपुर (Jaipur News) के जमवारामगढ़ (Jamvaramgarh) निवासी पीड़ित ने आरोप लगाए कि कुछ पुलिसकर्मी उसको और उसके परिवार को पीटते हुए एक कमरे में ले गए. जहां डीएसपी शिव कुमार भारद्वाज ने पहले उसे जमकर लात-घूंसे से पीटा और उसके ऊपर पेशाब कर दिया. पीड़ित को कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा के नाम पर उसे धमकाया.

पीड़ित की एफआईआर के मुताबिक कुछ देर बाद विधायक गोपाल मीणा भी कमरे में आए और मुझे अपने जूते भी चटवाए. अब इस मामले की सच्चाई सामने आ गई है. अपहरण कर मारपीट करने, पेशाब करने और जूते चटवाने के आरोपों की पुलिस ने जांच की. प्रारम्भिक जांच में यह घटना पूरी तरह निराधार पाई गई. यह मामला सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी नवदीप सिंह की शह पर दर्ज करवाया गया है.

दरअसल, नवदीप सिंह का कई वर्षों से जमवारामगढ़ इलाके के गांव टोडालडी आंधी में इस जमीन पर निवास कर रहे स्थानीय कब्जाधारी आदिवासी व दलित समुदाय के लोगों से विवाद चल रहा है. नवदीप सिंह ने इन कब्जो का हटाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए दूसरे हलके के पटवारी को बुलाकर पत्थरगढ़ी करवानी चाही. इन्होंने पुलिस अधिकारियों पर भी दबाव बनाने की कोशिश की. लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पुलिस इनके नाजायज दबाव में नहीं आई.

स्थानीय निवासियों ने उनके खिलाफ अनूसूचित जाति/जनजाति एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करवाया. इस मामले का अनुसंधान पुलिस उप अधीक्षक शिव कुमार भारद्वाज ने किया नवदीप सिंह ने इस मामले में शीघ्र एफआर देकर मामले को तत्काल बंद करने के लिए अनुचित दबाव डालना शुरू कर दिया. जिसके बाद सोची समझी साजिश के तहत अपने व्यक्ति से 156/3 में इस्तगासा करके यह मुकदमा दर्ज करवाया.

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पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि प्रदेश में राज्य सरकार की ओऱ से फ्री एफआईआर रजिस्ट्रेशन की नीति लागू है. वाकई अगर यह घटना होती तो परिवादी उसी दिन पुलिस थाने में मामला दर्ज करवा सकता था या थाने में मामला दर्ज नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाकर मुकदमा दर्ज करवा सकता था. करीब एक महीने बाद मीडिया का ध्यान आकर्षित करने और पुलिस पर दबाव बनाने के साथ ही विवादास्पद भूमि पर पुनः कब्जा करने के लिए यह षडयंत्र रचा गया.

वहीं, नवदीप सिंह पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इनके पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन के दौरान राजकीय यात्रा में वाहन चालक से मारपीट करने के मामले में एससी/एसटी प्रावधानों के अनुसार मुकदमा दर्ज करवाया गया था. इसी प्रकार आर्मी एरिया में कानून हाथ में लेकर जवान के साथ मारपीट करने पर सेना ने भी मुकदमा दर्ज किया था.

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