सिविल लाइंस विधानसभा: सरकार के मिथक के साथ बदलता है जनता का मूड, जानें यहां का पूरा सियासी गणित

विशाल शर्मा

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सिविल लाइंस विधानसभा: इस सीट पर सरकार के मिथक के साथ बदलता है जनता का मूड, समझे पूरा सियासी गणित
सिविल लाइंस विधानसभा: इस सीट पर सरकार के मिथक के साथ बदलता है जनता का मूड, समझे पूरा सियासी गणित
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Civil Lines Vidhan Sabha Seat: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले हर एक विधानसभा सीट का जोड़-भाग पार्टी नेता अपने दिमाग़ में लेकर चल रहे हैं. कहां, कब, कैसे और किस पार्टी के विधायक ने वहां बाजी मारी इस पर सभी की नजरें रहती है, लेकिन अब आने वाले चुनाव में उस सीट पर कैसे फतह हासिल करें इसके लिए नेता जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. ऐसे में राजस्थान तक आपको हर एक विधानसभा सीट का समीकरण बता रहा है. इसी के तहत आज जयपुर के सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र का गणित हम आपको बताएंगे. जहां कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास वर्तमान में विधायक है.

विधानसभा का जातिगत समीकरण 

जयपुर की सिविल लाइंस विधानसभा सीट को राजस्थान का केंद्र बिंदु कह सकते हैं, क्योंकि इसी क्षेत्र के इर्द गिर्द पूरी सरकार यहां नजर आ जाती है. यह जयपुर संसद सीट की विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जो सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है. 2011 की जनगणना के अनुसार सिविल लाइंस विधानसभा में मतदाताओं की संख्या लगभग 240,066 है. इसमें अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 25,111 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 10.46% है. वही इसी जनगणना के अनुसार अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 9,123 है जो लगभग 3.8% है. साथ ही मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 29,528 है जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 12.3% है.

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3 बार बीजेपी 3 बार कांग्रेस ने हासिल की जीत

सिविल लाइंस विधानसभा सीट पर पिछले 6 बड़े चुनावों में 3 बार भारतीय जनता पार्टी और 3 ही बार कांग्रेस ने विजय हासिल की है, जो राजस्थान में एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी की सरकार बनने के मिथक जैसा रहा है. यहां 2008 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से प्रताप सिंह खाचरियावास विधायक बने. फिर उसके बाद 2013 विधानसभा चुनाव बीजेपी के अरुण चतुर्वेदी विधायक पद पर जीत हासिल कर बीजेपी सरकार में मंत्री भी बने. इसके बाद 2018 विधानसभा में फिर से कांग्रेस से प्रताप सिंह खाचरियावास ने चुनाव जीतकर वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल कर रखा है.

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2018 चुनाव में कांग्रेस की फतह

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वही 2018 विधानसभा चुनावों में सिविल लाइंस पर कांग्रेस के प्रताप सिंह ने 53.53% के साथ 87,937 वोट हासिल कर जीत हासिल की. वहीं दूसरे नंबर अरुण चतुर्वेदी रहे. जिन्हें 69,859 वोट मिले जो 42.53% थे. बाकि 1.06 फीसदी वोट नोटा को डाला गया था. 2018 विधानसभा चुनाव में सिविल लाइंस विधानसभा का मतदाता मतदान 69.33% रहा. लेकिन इस बार जनता का मूड क्या रहेगा वो देखना दिलचस्प रहेगा. क्योंकि यहां का जनता भी मिथक की सरकार के साथ साथ अपना मूड बदलती है, क्योंकि इसी सिविल लाइंस में मुख्यमंत्री से लेकर हर एक वो मंत्री निवास करता है जिससे इस क्षेत्र के विकास में हमेशा वृद्धि होती है.

2013 में फिर बीजेपी की हुई जीत

इसी के साथ 2013 विधानसभा चुनाव में सिविल लाइंस सीट पर बीजेपी के अरुण चतुर्वेदी ने 77,693 वोट हासिल कर 51.62 फीसदी के साथ चुनाव जीता. वही दूसरे नंबर पर कांग्रेस के प्रताप सिंह रहे, जिन्हें 66,564 वोट मिले जो 44.23% रहे. साथ ही तीसरे नंबर पर निर्दलीय लक्ष्मी नारायण रहे, जिन्हें सिर्फ 1626 वोट मिले.

2008 में कांग्रेस की हुई विजय

सिविल लाइंस विधानसभा सीट पर 2008 के असेंबली चुनाव की बात करें तो यहां कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास को 58166 वोट मिले जो 49.83 फीसदी थे. वही दूसरे नंबर पर बीजेपी के अशोक लाहोटी को 51,205 वोट मिले जो 43.86% थे. इसी सीट पर बसपा के रणजीत सिंह को सबसे कम 3166 वोट मिले.

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