बंद कमरे में बच्चों से करवाई जा रही थी मजदूरी, टीम ने छत से कूदकर 22 बच्चों को किया रेस्क्यू

विशाल शर्मा

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बंद कमरे में बच्चों से करवाई जा रही थी मजदूरी, टीम ने छत से कूदकर 22 बच्चों को किया रेस्क्यू
बंद कमरे में बच्चों से करवाई जा रही थी मजदूरी, टीम ने छत से कूदकर 22 बच्चों को किया रेस्क्यू
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Action Against Child Labor: गुलाबी नगरी जयपुर की भीतरी गलियों में बनने वाले लाख के गहने ना जाने कितने बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. क्योंकि अब इन्हें बनाने के लिए ज्यादातर मासूम बच्चों का सहारा लिया जा रहा है. हाल ही में पुलिस ने 22 बच्चों को रेस्क्यू करते हुए एक बड़ा खुलासा किया है. इन बच्चों से बंद कमरे में लाख की चूड़ियां बनवाई जा रही थी.

पुलिस ने जयपुर के एक मकान में दूसरे राज्यों के नाबालिग बच्चों को 500-1000 रुपये में खरीदकर बाल मजदूरी करवाने का खुलासा किया है. जब पुलिस समेत 8 रेस्क्यू टीम ने भट्टा बस्ती इलाके में मकान पर दबीश दी तो वे नजारा देखकर हैरान रह गए. आरोपी मालिक घर के बाहर ताला लगाकर अंदर पहली मंजिल पर बच्चों से मजदूरी करवा रहा था.

काम नहीं होने पर बच्चों को रॉड से पीटता था मालिक
इन बच्चों से सुबह 6 से रात 12 बजे तक काम करवाया जा रहा था. गहने बनाते वक्त किसी भी बच्चे से काम सही नहीं होने पर उसे लोहे की रॉड से पीटा जाता था. यही नहीं, उन्हें खाने में सिर्फ जिंदा रहने के लिए सुबह-शाम खिचड़ी दी जाती थी. इसी तरह सोमवार को जब एक बच्चे की मालिक द्वारा पिटाई की गई तो वह जोर-जोर से रोने लगा. बच्चेे की चिल्लाने की आवाज सुन लोगों ने ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ संस्था को बाल मजदूरी की सूचना दी.

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टीम ने दूसरे मकान की छत से कूदकर बच्चों को किया रेस्क्यू
टीम के एक-एक सदस्य दूसरे मकान की छत से आरोपी के घर में कूदे जिन्हें देख आरोपी मालिक शाहनवाज उर्फ गुड्डू घबरा गया. वह अपने 4 बच्चों को छोड़ पत्नी के साथ मौके से फरार हो गया. इसके बाद पुलिस ने एक छोटे से कमरे से बाल मजदूरी करते 22 बच्चों को रेस्क्यू किया. सभी बच्चों की उम्र 9 साल से 16 साल के बीच की है.

‘बचपन बचाओ आंदोलन’ संस्था के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने बताया कि कॉलोनी के लोगों से इन बच्चों के बारे में जानकारी मिलने पर रेड मारी गई है. रेस्क्यू के बाद सभी 22 बच्चों का मेडिकल कराया गया तो इनमें से 11 साल का एक बच्चा जांच में कुपोषित निकला जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं एक दूसरे 9 साल के बच्चे ने छाती में दर्द की शिकायत की तो पता चला कि आरोपी द्वारा रॉड से मारने पर उसकी पसलियों में सूजन आ गई है.

बच्चों को बिहार से लेकर आया था आरोपी
बता दें कि इन बच्चों के परिजनों को आरोपी शहनवाज उर्फ गुड्‌डू 500-500 रुपए एडवांस देकर बिहार के सीतामढ़ी और मुजफ्फराबाद से जयपुर लेकर आया था. वह घर पर बच्चों से 18 घंटे काम करवाता और जानवरों से भी बुरा बर्ताव करता. यही नहीं, कई दिनों तक इन बच्चों को नहाने भी नहीं दिया जाता जिससे उन्हें बीमारियां हो गई हैं. पुलिस अब फरार आरोपी शाहनवाज की तलाश में जुट गई है.

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