पायलट को लेकर CG के डिप्टी सीएम टीएस बाबा का बड़ा बयान, बोले- वे राजस्थान को लीड करेंगे

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Sachin Pilot on women's reservation: महिला आरक्षण पर बोले पायलट- लुकाछिपी का खेल और बिल में संसोशन क्यों?
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Pilot Vs Gehlot Controversy: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाया गया है. अब सबकी नजरें इस बात पर है कि क्या राजस्थान में भी अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच फेस वॉर खत्म करने के लिए छत्तीसगढ़ फॉर्मूला अपनाया जाएगा या इसके लिए कोई नया समीकरण गढ़ा जा रहा है. कहा तो यह भी जा रहा है कि राजस्थान में दोनों नेताओं के बीच विवाद को सुलझाने के लिए अगले कुछ दिनों में राहुल गांधी मीटिंग करने वाले हैं.

सचिन पायलट के सीएम बनने को लेकर टीएस सिंहदेव ने भी बड़ा दावा कर इस तरह की चर्चाओं को नई हवा दे दी है. उन्होंने न्यूज एजेंसी ‘एएनआई’ को दिए इंटरव्यू में बताया, “मैं यह कह सकता हूं कि पायलट धैर्य रखें. वह तुलनात्मक रूप से काफी यंग है. बहुत पोटेंशियल है. क्षमतावान हैं. मास लीडर हैं. मुझे लगता है कि ऐसे व्यक्ति को उनकी क्षमताओं के अनुरूप राजस्थान को लीड करने का चांस जरूर मिलेगा.”

पायलट में विशेष क्षमताएं हैं: टीएस सिंहदेव
टीएस सिंहदेव ने आगे बताया कि मुझे ऐसा लगता है कि पायलट को राजस्थान को लीड करने का चांस मिलेगा, हालांकि ये हाईकमान का निर्णय है. मैंने पायलट की कैपेसिटी देखी है. वह यहां छत्तीसगढ़ में भी आए हैं. उनकी भाषण शैली को मैंने देखा था. वो उस समय यूथ कांग्रेस के लीडर थे. आज से 10-15 साल पहले की बात कर रहा हूं. बिलासपुर में आकर उन्होंने एक भाषण दिया था और तब से मुझे लगा कि इनमें विशेष क्षमताएं हैं.

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गौरतलब है कि 2018 में हुए चुनाव के बाद राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर सीएम पद के लिए 2.5-2.5 साल वाले समीकरण की बात कही गई थी. लेकिन फिर भी दोनों राज्यों में इस समीकरण को नहीं अपनाया गया. टीएस सिंहदेव और सचिन पालयट दोनों को ही 2.5 साल होने पर सीएम का पद नहीं मिला. अब जाकर चुनाव से चंद महीने पहले टीएस सिंहदेव को तो डिप्टी सीएम पद के लिए मनाया गया है लेकिन पायलट के हाथ अभी भी पूरी तरह से खाली हैं.

दोनों राज्यों की राजनीतिक परिस्थितियां अलग-अलग
छत्तीसगढ़ में सीएम की कुर्सी पर दावेदारी करने वाले टीएस सिंह देव को डिप्टी सीएम बनाकर कांग्रेस ने उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश की है. लेकिन राजस्थान की राजनीतिक परिस्थितियां छत्तीसगढ़ से बिल्कुल अलग हैं. एक तरफ छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव डिप्टी सीएम पद के लिए मान गए हैं लेकिन राजस्थान में सचिन पायलट फिर से डिप्टी सीएम नहीं बनना चाहते. माना जा रहा है कि उन्हें तो सीएम पद से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. पायलट गुट अगले विधासनभा चुनाव में सचिन पायलट की बड़ी भूमिका और गहलोत के साथ बराबर की साझेदारी की बात कर रहा है.

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पायलट को PCC चीफ बनाने पर भी गहलोत गुट सहमत नहीं!
राजस्थान की राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान एक समाधान यह निकाल सकता है कि सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) का अध्यक्ष बना दिया जाए. पायलट गुट भी मौटे तौर पर इस फॉर्मूले पर अपनी सहमति दे सकता है. लेकिन इसमें भी एक पेंच यह है कि अशोक गहलोत और उनका गुट पायलट को प्रदेश अध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद देने के पक्ष में नहीं है. अगर पायलट को यह पद मिलता है तो फिर टिकट बंटवारे में उनकी भूमिका बढ़ जाएगी जो गहलोत गुट को कतई मंजूर नहीं है.

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