New tax regime vs old tax regime: कौन सी कर व्यवस्था बचाएगी ज्यादा टैक्स, यहां जानें एक्सपर्ट से

राजस्थान तक

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तस्वीर: राजस्थान तक.
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केंद्रीय बजट 2024 (union budget 2024) पेश होने के बाद नई कर व्यवस्था के टैक्स स्लैब (personal income tax slabs) में बदलाव कर सरकार ने कर दाताओं को थोड़ी बहुत राहत दे दी है. वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था (income tax slab in new regime) की बात करें तो अभी भी कर दाता उसके तहत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं और उसमें सबकुछ वैसा का वैसा ही है. जब भी इनकम टैक्स रिटर्न (income tax return 2024) फाइल करने की बारी आती है तो टैक्स पेयर इस बात को लेकर जरूर गफलत में पड़ जाते हैं कि पुरानी या नई किस टैक्स रिजीम में टैक्स फाइल करना ठीक है. किसमें ज्यादा टैक्स सेविंग हो सकती है?

अब नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स स्लैब बदल जाने के बाद भी करदाताओं के मन में यही सवाल होगा कि अब कौन सी कर व्यवस्था ज्यादा फायदे वाली है? जयपुर के सीए कुलदीप गुप्ता आपको बाकायदा टैक्स कैलकुलेशन करके यहां बता रहे हैं कि नई या पुरानी कौन सी टैक्स व्यवस्था ज्यादा फायदे वाली है और आपको वर्ष 2025-26 के लिए किसी व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स रिटर्न भरना चाहिए?

नई कर व्यवस्था में अब ये है स्लैब (new tax slab in new tax regime)

बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था के स्लैब में बदलाव करते हुए करदाताओं को थोड़ी राहत दे दी है. यानी अब 3 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. नीचे टेबल में समझिए टैक्स स्लैब की पूरी गणित. 

पुरानी कर व्यवस्था (Old tax regime) नई कर व्यवस्था (New tax regime)
स्लैब टैक्स स्लैब (पुराना) टैक्स  स्लैब (नया 2024) टैक्स
ढाई लाख तक 0% 3 लाख रुपए तक 0% 3  लाख रुपए तक 0%
ढाई से 3 लाख रु. 5% 3 लाख 1 से 6 लाख 5% 3 लाख 1 से 7 लाख 5%
3 लाख 1 से 5 लाख  5% 6 लाख 1 से 9 लाख 10% 7 लाख 1 से 10 लाख 10%
5 लाख 1 से 10 लाख 20% 9 लाख 1 से 12 लाख 15% 10 लाख 1 से 12 लाख  15%
10 लाख से ज्यादा 30% 12 लाख 1 से 15 लाख 20% 12 लाख 1 से 15 लाख 20%
----- ----- 15 लाख से ज्यादा 30% 15 लाख रुपए से ज्यादा 30%

नई कर व्यवस्था में 7.75 लाख रु. तक टैक्स जारो (new tax regime benefits)

अब सवाल ये है कि नई कर व्यवस्था ज्यादा ठीक है या पुरानी? चूंकि नई कर व्यवस्था में नए टैक्स स्लैब के हिसाब से देखा जाए तो 7 लाख रुपए तक की कमाई पर 20 हजार रुपए टैक्स बनता है. चूंकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87 A के तहत सरकार 20 हजार रुपए माफ कर देती है. वहीं सैलरी वाले करदाताओं को पहले 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता था जो बजट 2024 में बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दिया गया है. इस हिसाब से 7 लाख 75 हजार रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि नई कर प्रणाली में आपके एचआरए (रूम रेंट), बीमा, स्वास्थ्य बीमा, एजुकेशन समेत दूसरे निवेश पर कोई छूट नहीं मिलती है. 

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यदि आपकी सैलरी 7 लाख 75 हजार रुपए या इससे कम है तो नई कर प्रणाली के तहत आपको रिटर्न भरना चाहिए. इससे आपको निवेश का दबाव नहीं लेना पड़ेगा. आप अपनी स्वेच्छा और जरूरत के हिसाब से निवेश कर सकेंगे और टैक्स भी बचा सकेंगे. 

पुरानी कर व्यवस्था में कैसे मिलेगा लाभ (benefits of old tax regime)

पुरानी कर व्यवस्था में 87A के तहत टैक्स माफी का लाभ 5 लाख रुपए तक ही मिलता है. पुरानी कर व्यवस्था में ढाई लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा. 2 लाख 50 हजार 1 रुपए जैसे ही होगा आप 5 फीसदी के टैक्स दायरे में आ जाएंगे. हालांकि यहां सैलरी पाने वालों को 87A के तहत 5 लाख 50 हजार रूपए तक टैक्स माफी मिलती है. इन्हें 50 हजार की अतिरिक्त छूट दी जाती है. 

निवेश पर मिलती है पुरानी कर व्यवस्था में छूट (deduction under old tax regime)

इसके अलावा आप डेढ़ लाख तक की छूट सेक्शन 80C के तहत ले सकते हैं. इसमें ईपीएफ, लाइफ इंश्योरेंस, पीपीएफ, अटल पेंशन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना समेत दूसरी टैक्स में छूट वाली योजनाओं का लाभ लेकर डेढ़ लाख रुपए तक टैक्स से बचा सकते हैं. इसके अलावा सेक्शन 24B के तहत होम लोन लेकर उसपर एक फाइनेंशियल ईयर में 2 लाख रुपए तकब चुकता किए गए ब्याज पर टैक्स से राहत ले सकते हैं. मेडिकल पॉलिसी लेते हैं तो 80D के तहत 25 हजार रुपए तक कर से छूट ले सकते हैं. ये छूट कर्मचारी, उसकी पत्नी और बच्चों के नाम ली गई पॉलिसी पर अधिकतम मिलेगी. इसके अलावा यदि अपने माता-पिता तो वरिष्ठ हैं उनके लिए हेल्थ पॉलिसी लेते हैं तो 50 हजार रुपए और छूट ले सकते हैं. एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम में यदि सालाना 50 हजार रुपए तक के निवेश पर छूट पा सकते हैं. 

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पुराने टैक्स रिजीम के तहत आपको इतनी राहत (relief in old tax regime)  

पुराने टैक्स रिजीम में आप अधिकतम निवेश के बाद 5 लाख रुपए तक की आमदनी पर टैक्स से राहत ले सकते हैं. देखा जाए तो आप 10 लाख रुपए तक की सैलरी पर अधिकतम निवेश के बाद टैक्स 0 कर सकते हैं. 

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