Rajasthan: कांग्रेस की 7 गारंटियों के विज्ञापन पर चुनाव आयोग ने लगाई रोक, सामने आई ये बड़ी वजह

विशाल शर्मा

• 12:53 PM • 22 Nov 2023

Ban On congress advertisement of 7 guarantees: चुनावी मौसम में पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में आम जनता के पास लगातार रिकॉर्डेड कॉल आ रहे हैं. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की आवाज में कांग्रेस की 7 गारंटियों के बारे में जानकारी दी जा रही है और उसका लाभ लेने के लिए लोगों […]

Rajasthan: कांग्रेस की 7 गारंटियों के विज्ञापन पर चुनाव आयोग ने लगाई रोक, सामने आई ये बड़ी वजह

Rajasthan: कांग्रेस की 7 गारंटियों के विज्ञापन पर चुनाव आयोग ने लगाई रोक, सामने आई ये बड़ी वजह

follow google news

Ban On congress advertisement of 7 guarantees: चुनावी मौसम में पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में आम जनता के पास लगातार रिकॉर्डेड कॉल आ रहे हैं. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की आवाज में कांग्रेस की 7 गारंटियों के बारे में जानकारी दी जा रही है और उसका लाभ लेने के लिए लोगों से रजिस्ट्रेशन करने की अपील की जा रही है. ये रजिस्ट्रेशन कॉल के दौरान ही किया जाता है. लेकिन इस विज्ञापन पर निर्वाचन विभाग ने रोक लगा दी है.

यह भी पढ़ें...

दरअसल, बीजेपी की तरफ से आपत्ति जताते हुए शिकायत की गई थी. शिकायत के बाद निर्वाचन विभाग ने जब इसकी जांच करवाई तो पता चला कि इस विज्ञापन को निर्वाचन विभाग की ओर से बनाई राज्य स्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से मंजूर ही नहीं करवाया गया है. यह बात सामने आने पर निर्वाचन विभाग ने विज्ञापन पर रोक लगा दी है.

निर्वाचन विभाग ने जारी किया नोटिस

निर्वाचन विभाग की ओर से कांग्रेस को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि आपके दल द्वारा अपने चुनाव प्रचार से संबंधित 2 IVRS/OVD संदेश राज्य स्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से अनुमति लिए बिना प्रसारित किए जा रहे हैं. आपको आदेश दिया जाता है कि आप उक्त ऑडियो संदेशों का प्रसारण तुरंत प्रभाव से रुकवाएं. यह भी स्पष्ट करें कि आप किन कारणों से बिना अनुमति लिए उक्त विज्ञापन संदेश प्रसारित कर रहे हैं.

विज्ञापन को बिना मंजूरी नहीं कर सकते प्रसारित

नियम के मुताबिक, कोई भी पार्टी या प्रत्याशी अपना विज्ञापन चुनाव प्रचार के लिए जारी करता है तो पहले उसे चुनाव आयोग की ओर से बनाई गई विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से मंजूर करवाना होता है. ऐसा नहीं करने पर इसे आदर्श आचार संहिता की श्रेणी में माना जाता है. ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग उस पार्टी या प्रत्याशी पर कार्रवाई भी कर सकता है.

नियम के मुताबिक, कोई भी पार्टी या प्रत्याशी अपना विज्ञापन चुनाव प्रचार के लिए जारी करता है तो पहले उसे चुनाव आयोग की ओर से बनाई गई विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से मंजूर करवाना होता है. ऐसा नहीं करने पर इसे आदर्श आचार संहिता की श्रेणी में माना जाता है. ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग उस पार्टी या प्रत्याशी पर कार्रवाई भी कर सकता है.

नियम के मुताबिक, कोई भी पार्टी या प्रत्याशी अपना विज्ञापन चुनाव प्रचार के लिए जारी करता है तो पहले उसे चुनाव आयोग की ओर से बनाई गई विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से मंजूर करवाना होता है. ऐसा नहीं करने पर इसे आदर्श आचार संहिता की श्रेणी में माना जाता है. ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग उस पार्टी या प्रत्याशी पर कार्रवाई भी कर सकता है.

यह भी पढ़ें: फलोदी सट्‌टा बाजार का नया अपडेट, कांग्रेस का मेनिफेस्टो डालेगा सीटों पर फर्क, जानें?

यह भी पढ़ें: फलोदी सट्‌टा बाजार का नया अपडेट, कांग्रेस का मेनिफेस्टो डालेगा सीटों पर फर्क, जानें?

Ban On congress advertisement of 7 guarantees: चुनावी मौसम में पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में आम जनता के पास लगातार रिकॉर्डेड कॉल आ रहे हैं. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की आवाज में कांग्रेस की 7 गारंटियों के बारे में जानकारी दी जा रही है और उसका लाभ लेने के लिए लोगों से रजिस्ट्रेशन करने की अपील की जा रही है. ये रजिस्ट्रेशन कॉल के दौरान ही किया जाता है. लेकिन इस विज्ञापन पर निर्वाचन विभाग ने रोक लगा दी है.

दरअसल, बीजेपी की तरफ से आपत्ति जताते हुए शिकायत की गई थी. शिकायत के बाद निर्वाचन विभाग ने जब इसकी जांच करवाई तो पता चला कि इस विज्ञापन को निर्वाचन विभाग की ओर से बनाई राज्य स्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से मंजूर ही नहीं करवाया गया है. यह बात सामने आने पर निर्वाचन विभाग ने विज्ञापन पर रोक लगा दी है.

निर्वाचन विभाग ने जारी किया नोटिस

निर्वाचन विभाग की ओर से कांग्रेस को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि आपके दल द्वारा अपने चुनाव प्रचार से संबंधित 2 IVRS/OVD संदेश राज्य स्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से अनुमति लिए बिना प्रसारित किए जा रहे हैं. आपको आदेश दिया जाता है कि आप उक्त ऑडियो संदेशों का प्रसारण तुरंत प्रभाव से रुकवाएं. यह भी स्पष्ट करें कि आप किन कारणों से बिना अनुमति लिए उक्त विज्ञापन संदेश प्रसारित कर रहे हैं.

विज्ञापन को बिना मंजूरी नहीं कर सकते प्रसारित

नियम के मुताबिक, कोई भी पार्टी या प्रत्याशी अपना विज्ञापन चुनाव प्रचार के लिए जारी करता है तो पहले उसे चुनाव आयोग की ओर से बनाई गई विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से मंजूर करवाना होता है. ऐसा नहीं करने पर इसे आदर्श आचार संहिता की श्रेणी में माना जाता है. ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग उस पार्टी या प्रत्याशी पर कार्रवाई भी कर सकता है.

    follow google newsfollow whatsapp