Jodhpur News: संजीवनी क्रेडिट सोसायटी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की सीबीआई जांच याचिका को लेकर जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने सुनवाई से इनकार कर दिया हैं. अब इस याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर अलग पीठ मामले की सुनवाई करेगी. याचिका में संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी मामले में अनियमित जमा पर प्रतिबंध योजना अधिनियम-2019 के तहत सीबीआई से जांच कराए जाने और एफआईआर निरस्त की मांग की गई थी.
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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह दासपा ने बताया कि उन्होंने न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की बेंच से सुनवाई का आग्रह किया था, लेकिन अब मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर अलग पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. शेखावत की ओर से पेश की गई याचिका में कहा गया कि एसओजी ने 23 अगस्त 2008 को संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी के पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
हजारों निवेशकों के करोड़ों रुपए हड़पने के आरोप में संबंधित इस मामले में एसओजी जांच कर रही है. जबकि सोसाइटी का कार्य क्षेत्र राजस्थान के साथ अन्य राज्यों में भी है. एक से अधिक राज्यों से मामला होने के कारण केंद्रीय एजेंसी से इसकी जांच करवानी चाहिए. वहीं, इस मामले में सीएम गहलोत ने शेखावत पर तंज कसा और कहा कि संजीवनी सोसायटी में शेखावत और उनके परिवार का नाम आ रहा है. इसलिए शेखावत ने घबराकर हाईकोर्ट का सहारा लिया है.
गहलोत ने शेखावत पर बोला हमला
शेखावत जनता के सामने खुलासा करें कि विदेशों में जो लगाया गया पैसा है, वह कहां से आया था. गहलोत ने कहा कि पीड़ित लगातार मेरे पास कुछ उम्मीद लेकर आ रहे हैं. करीब 2 लाख परिवारों का पैसा डूबा हुआ है. मैंने पीड़ितों की आवाज उठाई तो मुझ पर ही शेखावत ने मानहानि का केस कर दिया गया. मेरे खिलाफ चाहे कुछ भी करें, लेकिन पैसा लौटाने के लिए शेखावत को आगे आना चाहिए.
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