लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के समय कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा था कि अगर पूर्वी राजस्थान की 7 में से एक भी सीट बीजेपी हारती है तो वह इस्तीफा दे देंगे. जब चुनाव परिणाम आए तो बीजेपी इन 7 में से 4 सीटों पर चुनाव हार गई. इसके बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा (Minister Kirodilal Meena) के इस्तीफे पर सस्पेंस बरकरार है. इसको लेकर सियासत के जानकार तरह-तरह के कयास भी लगा रहे हैं.
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हाल ही में जब किरोड़ीलाल मीणा से उनके इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने संस्कृत का श्लोक पढ़ते हुए इसका जवाब दिया. किरोड़ी ने सोमवार को दौसा के नांगल प्यारीवास में मीडिया से बात करते हुए इस्तीफे के सवाल पर कहा कि संस्कृत में एक श्लोक है "मौनम स्वीकृति लक्षणम."
पहेली बन गया किरोड़ी के इस्तीफे का मामला
किरोड़ीलाल मीणा ने संस्कृत में जो जवाब दिया है उसका अर्थ तो यही निकलता है कि मौन रहकर किसी भी मामले की स्वीकृति देना ही उनका लक्षण है, ऐसे में किरोड़ी के ना चाहते हुए भी उनके इस बयान को इस्तीफे देने के विचार से जोड़कर देखा जा रहा है. एक तरफ तो किरोड़ी कह रहे है "मौनम स्वीकृति लक्षणम" वहीं दूसरी ओर किरोड़ी लाल मीणा कृषि बजट की तैयारी कर रहे हैं और मंगलवार कृषि बजट को लेकर सीएम के साथ बैठक भी करेंगे. ऐसे में उनके इस्तीफे का मामला एक पहेली बनता जा रहा है.
"जहां मैं बैठता हूं ऑफिस वहीं से शुरू हो जाता है"
किरोड़ी से पूछा गया कि आप ऑफिस कब जाओगे, तो उन्होंने कहा कि जहां वे बैठते हैं वहीं से ऑफिस शुरू हो जाता है. अधिकारी भी वहीं आ जाते हैं. सचिवालय जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज छुट्टी है, कल सचिवालय जाऊंगा. इस दौरान उन्होंने NEET परीक्षा में धांधली पर कहा कि पेपर लीक मामले में कठोर कानून बने. नीट जैसी परीक्षा में इस तरह की धांधली ठीक नहीं है.
रिजल्ट के दिन कहा था- "प्राण जाए पर वचन न जाई"
लोकसभा चुनावों के रिजल्ट के दौरान बीजेपी को हारते देख किरोड़ीलाल मीणा ने सोशल मीडिया पर इस्तीफे के संकेत दे दिए थे. उन्होंने सोशल मीडिया पर रामचरित मानस की चौपाई पोस्ट की थी. उन्होंने लिखा था, "रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई."
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