Rajasthan: कांग्रेस के सामने खड़ा हुआ बड़ा सकंट! दिग्गज नेता हेमाराम चौधरी ने सक्रिय राजनीति से कहा अलविदा 

Dinesh Bohra

27 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 27 2023 6:56 AM)

Rajasthan Election: राजस्थान की गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) में कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी (Hemaram Chaudhary) के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र के बाद राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आ गया है. कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर चुनाव न लड़ने की […]

Rajasthan: कांग्रेस के सामने खड़ा हुआ बड़ा सकंट! दिग्गज नेता हेमाराम चौधरी ने सक्रिय राजनीति से कहा अलविदा 

Rajasthan: कांग्रेस के सामने खड़ा हुआ बड़ा सकंट! दिग्गज नेता हेमाराम चौधरी ने सक्रिय राजनीति से कहा अलविदा 

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Rajasthan Election: राजस्थान की गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) में कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी (Hemaram Chaudhary) के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र के बाद राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आ गया है. कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर की है. साथ ही उन्होंने उम्रदराज एवं वरिष्ठ नेताओं पर तंज कसते हुए युवाओं को राजनीति में मौका देने की बात भी पत्र में लिखी है.

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हेमाराम का इशारा किन बुजुर्ग नेताओं की ओर है. यह तो स्पष्ट नहीं हैं. लेकिन, माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिस तरह से मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते. ऐसे में राजनीतिज्ञ जानकर इसे मुख्यमंत्री गहलोत समेत कांग्रेस के उम्रदराज नेताओं से जोड़कर देख रहे हैं.

खड़गे को पत्र में लिखी ये बात

हेमाराम चौधरी पत्र में लिखा कि ‘अब मैं जीवन के ऐसे पड़ाव पर खड़ा हूं, जहां मैं खुद को सक्रिय राजनीतिक जीवन के लिए पूरी तरह से समर्पित करने में असमर्थ हूं. मैंने हमेशा माना है कि जिस तरह पार्टी ने मुझे कम उम्र में बड़ी जिम्मेदारी दी थी. वैसे ही मुझे आगे आने वाली पीढ़ी को मौका देना चाहिए. मेरा अपना मानना है कि प्रत्येक उम्रदराज और वरिष्ठ नेता की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह युवा नेताओं को प्रेरित करें उन्हें राजनीतिक स्थान दे और उन्हें आगे बढ़ने का मौका दें.

अगर, इस एहसास के बावजूद मैं चुनाव लड़ना जारी रखता हूं तो यह राजस्थान की जनता और कांग्रेस पार्टी के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा. इसलिए मैं इस पत्र के माध्यम से निवेदन करना चाहता हूं कि आगामी चुनाव में मैं प्रत्याशी के रूप में नहीं बल्कि, एक साधारण कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में ही हिस्सा लूंगा. हेमाराम लिखते हैं कि मुझे विश्वास है कि केवल गुड़ामालानी ही नहीं बल्कि, राजस्थान की जनता आगामी चुनाव में कांग्रेस पार्टी को दोबारा सेवा का मौका देगी और हम भारी मतों से जीतेंगे.

पायलट गुट से आते हैं मंत्री हेमाराम

सचिन पायलट गुट से आने वाले मंत्री हेमाराम चौधरी युवाओं मौका देने की बात कई बार कह चुके हैं. साल 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी हेमाराम चौधरी ने चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे. उस दौरान राहुल गांधी ने हेमाराम चौधरी को फोन करके चुनाव लड़ने की बात कही थी. जिसके बाद उन्होंने 2013 का चुनाव लड़ा. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी हेमाराम चौधरी ने चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया था. उस दौरान सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे. पायलट के कहने पर ही हेमाराम ने 2018 का चुनाव लड़ा था. चुनाव जीतने के बाद से ही हेमाराम चौधरी सचिन पायलट की पैरवी करते रहे थे. यहां तक कि पायलट के विधायकों के साथ हेमाराम चौधरी मानेसर चले गए थे. उस दौरान भी हेमाराम चौधरी ने पायलट गुट की ओर से वीडियो जारी कर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की बात रखी थी. साथ ही अपनी विधानसभा में कामकाज नहीं होने के चलते हेमाराम ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा तक सौंप दिया था.

लगातार बढ़ रहा था चुनाव लड़ने का दबाव

मंत्री हेमाराम चौधरी पिछले 3 सालों से अगला चुनाव ना लड़ने की बात कहते आ रहें हैं. 2023 का विधानसभा चुनाव ना लड़ने की चर्चाओं के बीच गुड़ामालानी विधानसभा के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और हेमाराम के समर्थकों ने महाकुंभ बुलाया था. जहां मंत्री हेमाराम चौधरी को चुनाव लड़ने का आग्रह करते हुए उनके समर्थक और कांग्रेसी कार्यकर्ता रो पड़े. वहीं अपनी पगड़ी भी हेमाराम के कदमों में रख दी. ताकि, किसी भी तरह से हेमाराम चुनाव लड़ने को राजी हो जाए. बावजूद इसके हेमाराम चौधरी ने चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया था.

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