राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आज काफी गहमागहमी देखने को मिली. सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी और शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी आमने-सामने हो गए. सदन में माहौल तब गरमा गया, जब हरीश चौधरी ने 'ठाकुर का कुआं' कविता पढ़ी. उन्होंने क्रांतिकारी कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की इस कविता के जरिए भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जो दर्द कविता के जरिए बयां किया गया है, वो ही दर्द इस बजट को पढ़कर दिखेगा. हमारा क्या है, हमारा कुछ नहीं है, सब कुछ ठाकुर का है. इसी दौरान पीछे से रविंद्र सिंह भाटी बोले कि रिफाइनरी कौन खा गया?
ADVERTISEMENT
बता दें कि उन्होंने कविता पढ़ते हुए कहा "चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का, भूख रोटी, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का. बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी. फसल ठाकुर की, कुआं ठाकुर का खेत-खलिहान ठाकुर के, हमारा क्या है."
"आरक्षण के नाम पर बयां करते हैं दर्द तो उड़ाई जाती है हंसी"
कांग्रेस विधायक ने कहा कि हम आरक्षण के नाम पर दर्द बयां करते हैं तो हंसी उड़ाई जाती है. 80 फीसदी संसाधन ऊंची जातियों के पास हैं. हम पिछड़ों के पास क्या है. हम लोग जो ओबीसी में पिछड़े आते हैं, उनका क्या है. केवल 17 परसेंट मिला. नौकरियों में रोस्टर के नाम पर खेल किया जाता है. ओबीसी वोट के समय ही याद आते हैं.
भाटी ने दिया ये जवाब
बात किलों-महलों की चल रही थी. मैं कहना चाहूंगा कि यह किले-महल शौर्य की गाथा के प्रतीक हैं. जब कभी मुगल आंक्राताओं के हमले हुए तो हमारी बहन-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए काम आए. मैं छोटा जरूर हूं, लेकिन छोटी बात नहीं करूंगा. सदन की एक गरिमा को बनाए रखना हमारा नैतिक धर्म है.
बीजेपी विधायक ने भी बोला करारा हमला!
इस मुद्दे पर बीजेपी विधायकों ने भी हरीश चौधरी को जमकर घेरा. तभी बीजेपी विधायकों ने तंज भी कसा कि रिफाइनरी कौन खा गया. उन्होंने चौधरी पर जातिवाद फैलाने का आरोप लगाया. वहीं, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने इसे सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की. जब सलूंबर से बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा की बारी आई तो वह भी चौधरी पर पलटवार करने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि हरीश चौधरी आदिवासी और सामाजिक न्याय की अनुदान मांगों पर बहस कर रहे थे वो एससी-एसटी को ठाकुर बता रहे थे. वो कितने सच्चे और कितने काले हैं, इसकी जांच होनी चाहिए. मीणा ने कहा कि देश की पाइपलाइन, पूरी रिफाइनरी खा गए. उस एरिया में जाकर देखें, किसी पर उंगली उठाने से क्या होता है. सब जानते हैं पूरे बाड़मेर को लूट लिया.
ADVERTISEMENT