कांग्रेस नेता राहुल गांधी (congress Leader Rahul Gandhi) की जाति के खिलाफ इस्तगासे से जुड़े मामले में आज जयपुर (Jaipur Court) के कोर्ट में बयान और साक्ष्य पेश हुए. राजस्थान हाईकोर्ट के वकील विजय कलंदर ने महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11 जयपुर महानगर द्वितीय में 19 फरवरी को राहुल गांधी की जाति के खिलाफ इस्तगासा पेश किया था. परिवादी का कहना है कि राहुल गांधी कश्मीरी कौल ब्रह्माण नहीं हैं इसके बावजूद वह लगातार इस जाति का होने का दावा कर रहे हैं. इस मामले की जांच अदालत स्वयं कर रही है. शुक्रवार को एडवोकेट विजय कलंदर (Advocate Vijay Kalandar) ने इस संबंध में कोर्ट में साक्ष्य पेश किए और महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11 जयपुर महानगर द्वितीय दीक्षा गुप्ता ने परिवादी के बयान भी दर्ज किए.
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दरअसल, 8 फरवरी को छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री की जाति को लेकर विवादित बयान दिया था. इसके बाद परिवादी एडवोकेट विजय कलंदर ने राहुल गांधी की जाति के विरुद्ध कोर्ट में इस्तगासा पेश कर सख़्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी. अब महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11 जयपुर महानगर द्वितीय दीक्षा गुप्ता ने राहुल गांधी की जाति के मामले पर अंतिम बहस के लिए 5 जून की तारीख मुकर्रर की है.
"राहुल का बयान देश की एकता के लिए खतरा"
एडवोकेट विजय कलंदर का कहना है कि राहुल गांधी के जातिगत बयानों से विभिन्न वर्ग एवं समुदायों में अविश्वास की भावना पैदा हो रही है. उन्होंने परिवाद में राहुल गांधी के बयानों को देश की शांति, सुरक्षा, एकता एवं अखंडता के लिए खतरा बताया है. वहीं एडवोकेट विजय कलंदर ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का अपनी जाति छिपाकर काम करना धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है एवं वे ऐसे बयान करके हिन्दू धर्म के विभिन्न वर्गों एवं समुदायों को एक-दूसरे के प्रति संघर्ष के लिए उकसाना चाहते हैं.
पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं एडवोकेट कलंदर
राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत करने वाले एडवोकेट विजय कलंदर इससे पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं. इससे पहले जुलाई 2022 में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कहा था. इस पर जमकर बवाल हुआ. इस मामले में भी एडवोकेट कलन्दर ने जयपुर के गलता गेट पुलिस थाने में परिवाद दिया. यही नहीं उन्होंने कोर्ट में इसको लेकर इस्तगासा भी पेश किया जिस पर कोर्ट ने पुलिस को जांच के आदेश दिए थे, जिस पर कोर्ट ने पुलिस से 5 जून तक रिपोर्ट मांगी है.
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