Rajasthan politicas: विधानसभा सत्र में पेपर लीक मामले को लेकर अशोक गहलोत सरकार ने विपक्ष को जवाब देने की भले ही तैयारी कर ली थी. लेकिन पहले ही दिन से विपक्ष ने इस मामले को सदन में जमकर उठाया. बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ही पेपर लीक का मुद्दा गूंज उठा. विपक्ष के हंगामे के बाद राज्यपाल को अभिभाषण तक रोकना पड़ा था. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ सहित विपक्ष ने गहलोत सरकार को जमकर घेरा. वहीं विपक्ष के साथ खुद सरकार के विधायक-नेता भी गहलोत सरकार को घेरने का मौका नहीं छोड़ रहे. बता दें कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सभाओं में खुलेआम पेपर लीक को लेकर गहलोत सरकार पर सवाल उठा चुके हैं. अब कांग्रेस के ही वरिष्ठ विधायक और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने भी सवाल उठा दिया है.
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मंगलवार को कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि दोषी चाहे जो हो, उसकी पृष्ठभूमि चाहे जो हो चाहे वह राजनेता हो, अधिकारी हो, उद्योगपति या सामान्य नागरिक हो. उसकी पृष्ठभूमि को ध्यान रखें बिना दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए. चौधरी ने फिर दोहराया कि जब तक इस मामले की जांच चल रही है, किसी को भी क्लीन चिट नहीं देना चाहिए. इससे पहले सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी पेपर लीक पर सरकार को घेर चुके हैं.
हरीश चौधरी ने कहा राजस्थान में आज सबसे बड़ा विषय रोजगार है और पेपर लीक का मामला है. उन्होंने कहा यह दुर्भाग्य की बात है कि मूल मुद्दे पर चर्चा नहीं हो रही. कहा कि हमें राजनीति से ऊपर उठकर इस पर चर्चा करना चाहिए. चौधरी ने कहा कि ऐसी कौन सी परीक्षा राजस्थान में हुई जो पारदर्शी से हुई हो? चौधरी ने कहा मेरी सबसे अपील है कि नौजवानों के संघर्ष और उनके हक के लिए मदद करो और मामले को डायवर्ट मत करो.
दरअसल पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बयान दिया था कि पेपर लीक मामले में ना कोई नेता और ना ही कोई अधिकारी दोषी है. उन्होंने कहा था कि राजस्थान में पेपर लीक मामले में सख्त कार्रवाई की गई है और ठोस कानून भी बनाया गया है. यदि कोई पेपर लीक में कोई किसी की संलिप्तता बता रहा है तो उसका नाम बताएं हम कार्रवाई करेंगे.
पायलट और गुढ़ा भी उठा चुके सवाल
गौरतलब है कि पिछले दिनों सचिन पायलट ने अपनी सभाओं में पेपर लीक का मुद्दा उठाए था. मंच से कहा था कि प्रदेश में लगातार पेपर लीक हो रहें, युवाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इस मामले में अधिकारी और नेता शामिल हैं. सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. इसके बाद गहलोत ने जवाब देते हुए कहा था कि पेपर लीक मामले में ना कोई नेता और ना ही कोई अधिकारी दोषी है. यदि कोई पेपर लीक में कोई किसी की संलिप्तता बता रहा है तो उसका नाम बताएं हम कार्रवाई करेंगे.
इसके बाद फिर एक सभा में पायलट ने पलटवार करते हुए कहा था कि कोई नेता और अधिकारी पेपर लीक में शामिल नहीं तो पेपर बाहर कैसे आया? ये तो जादुगरी हुई. सरकार को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी. वहीं मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी इस मुद्दे को लेकर गहलोत को घेर रहे हैं. बोले कि सरकार ठीक काम नहीं कर रही है, बेरोजगारों के साथ अन्याय हो रहा है. इसकी जांच होनी चाहिए. बिना मिलीभगत पेपर लीक नहीं हो सकता है.
किरोड़ी लाल मीणा ने किया जयपुर-आगरा हाइवे जाम
पेपर लीक मामले को लेकर बीजेपी सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने भी मोर्चा खोल दिया है. विधानसभा घेराव के लिए अपने हजारों समर्थकों के साथ जयपुर पहुंचे. लेकिन उन्हें पुलिस ने घाट की गुनी टनल से पहले ही रोक लिया. उसके बाद किरोड़ी मीणा बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ जयपुर-आगरा हाईवे पर ही धरने पर बैठ गए. किरोड़ी ने कहा कि आज सदन में सरकार ने पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच करवाने से मना कर दिया. ऐसे में जब तक सरकार पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से करवाने की अनुमति नहीं देगी तब तक हम यहीं धरने पर बैठे रहेंगे.
गौरतलब है कि पिछले दिनों वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा भर्ती पेपर लीक हुआ था. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 40 से अधिक लोगों को भी पकड़ा था. इस मामले में मुख्य आरोपी भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका फरार चल रहे हैं.
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