Rajasthan Politics: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है. इसके बाद से विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है. वहीं राजेंद्र सिंह गुढ़ा समेत बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह सच बोलने की सजा है. वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोला है. दिव्या मदेरणा के बयानों को लेकर मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बयान दिया है.
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शनिवार को मंत्री शेखावत जोधपुर पहुंचे थे. मंत्री शेखावत अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा की कार्यसमिति बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे. एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने मेरी बहन दिव्या मदेरणा ने साहस के साथ आवाज उठाई थी लेकिन अब लग रहा है अगली तलवार उनपर चलने वाली है. गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए मंत्री शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री से सच्चाई बर्दाश्त नहीं होती. चाहे वह व्यक्ति पार्टी का हो या बाहर का.
आपको बता दें हाल ही में जोधपुर की ओसियां सीट से विधायक दिव्या ने भी प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे. जानकारी के अनुसार शनिवार को दिव्या को प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के यहां तलब की गई थीं. हालांकि उन पर कार्रवाई किए जाने को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इससे पहले विधानसभा में मंत्री गुढ़ा ने सरकार को कानून व्यवस्था को लेकर घेरा था. जिसके चलते उन्हें मंत्री पद से हटा दिया था. इसी को चलते मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने दिव्या मदेरणा पर कार्रवाई होने की बात कही.
दिव्या ने उठाया था कानून व्यवस्था पर सवाल
विधायक दिव्या ने ओसियां में हुए हत्याकांड पर सरकार पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने घटना पर बोलते हुए कहा था कि मैं क्या बताऊं, मैं तो खुद ही सुरक्षित नहीं हूं. पुलिस सुरक्षा में मुझ पर हमला हो जाता है. और आज तक आरोपी भी नहीं पकड़े जाते हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि इस मामले में विधानसभा में बोलने भी नहीं दिया गया. दिव्या के इस बयान के बाद विपक्ष ने भी दिव्या के बयानों के साथ सरकार को खूब घेरा.
गुढ़ा ने दिया था यह बयान
राजेंद्र गुढ़ा ने शुक्रवार को सदन में महिलाओं के बढ़ते अपराधों को लेकर कहा था कि ‘ये स्वीकार करना चाहिए, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए. राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर की चिंता करने की बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए’.
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