Rajasthan News: जयपुर के महारानी कॉलेज में छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने राजस्थान यूनिवर्सिटी के महासचिव अरविंद जाजड़ा ने आरयू अध्यक्ष निर्मल चौधरी को थप्पड़ मार दिया था. इसके बाद अब दोनों के बीच सुलह हो गई है. थप्पड़ कांड के बाद जाट छात्रावास में विजय पूनिया की मौजूदगी में दोनों ने एक दूसरे को माला पहनाई और गले लगकर माफी भी मांगी. इसके बाद उनके समर्थकों ने तालियां बजाकर दोनों का अभिवादन किया.
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जयपुर के जाट छात्रावास में हुई सुलह के बाद छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी और महासचिव अरविन्द जाजड़ा ने कहा कि पिछले दिनों उनके बीच जो भी हुआ, उसे वे भूल गए हैं. अब उनके बीच कोई गिला शिकवा नहीं है. उसमें किसकी गलती थी और किसकी नहीं, हमें इस पर बात नहीं करनी. निर्मल उनका भाई है. वहीं निर्मल चौधरी ने कहा कि मुझे अरविन्द जाजड़ा से कोई शिकायत नहीं है. रात गई, बात गई. दोनों मिलकर छात्र हितों के लिए संघर्ष करेंगे.
राजस्थान यूनिवर्सिटी के निर्दलीय छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी और एबीवीपी से महासचिव अरविंद जाजड़ा के बीच काफी समय से शीत युद्ध चल रहा था जो महारानी कॉलेज में दंगल में बदल गया. तब अरविंद द्वारा निर्मल को थप्पड़ मारने के बाद बवाल मच गया और दोनों के समर्थक आपस में भिड़ गए. इसके बाद निर्मल चौधरी ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी तो अरविंद ने भी कानूनी प्रक्रिया अपनाई. ऐसे में राजस्थान यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं में दहशत फैल गई कि कहीं शिक्षा के मंदिर में ये लड़ाई खुनी खेल में तब्दील ना हो जाए. इसको लेकर कई बार लोगों ने दोनों से समझाइश भी की. उसी का नतीजा है कि आज दोनों एक बार फिर समाज के एक मंच पर आए और गले लगकर एक दूसरे को सॉरी भी बोला. तब जाकर युवाओं ने राहत की सांस ली.
जाट समाज के वरिष्ठ नेता विजय पूनिया ने की पहल
बता दें कि निर्मल चौधरी और अरविन्द जाजड़ा के बीच सुलह कराने में विशेष भूमिका विजय पूनिया की रही. जाट समाज के वरिष्ठ नेता विजय पूनिया ने 4 फरवरी को छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी और महासचिव अरविन्द जाजड़ा को मालवीय नगर स्थित जवाहर जाट छात्रावास में बुलाया और वहां दोनों को साथ बैठाकर समझाया. तब जाकर यह मामला शांत हुआ.
चूंकि निर्मल चौधरी और अरविन्द जाजड़ा दोनों नागौर के रहने वाले हैं और दोनों जाट समाज से आते हैं. वहीं दोनों विजय पूनिया को दिल से मानते हैं. ऐसे में विजय पूनिया ने दोनों छात्रनेताओं को राजनीति की पाठशाला का ज्ञान दिया और कहा कि अभी आपका राजनैतिक जीवन शुरू होने जा रहा है. ऐसे में आपस में लड़कर समय को व्यर्थ ना गवाएं और अब आप दोनों को मिलकर छात्र हितों के लिए संघर्ष करना है. काफी देर तक समझाने के बाद निर्मल और अरविन्द ने हाथ मिलाया और मुस्कुराते हुए गले मिले.
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