Dotasara angry at Rajasthan government’s action: राजस्थान की नई भजनलाल सरकार ने राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाने के साथ ही 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती प्रक्रिया भी रद्द कर दी है. चूंकि दोनों योजनाओं के तहत युवाओं को रोजगार का मौका पूर्ववर्ती गहलोत सरकार दे रही थी. इधर सरकार के इस एक्शन पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भड़क गए. उन्होंने ट्विट कर पहले तो भजनलाल सरकार को पर्ची वाली सरकार कहते हुए कहा – ‘आपको नाम बदलना था तो स्व. अटल जी का नाम रख देते लेकिन नौजवानों की रोजी-रोटी छीनने का क्रूर मजाक क्यों किया?’
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डोटासरा ने ट्विट कर कहा- ‘चर्चा है कि ये “पर्ची” वाली सरकार है। मुख्यमंत्री भजनलाल जी स्वविवेक से निर्णय ना लेकर, कहीं और से गाइड हो रहे हैं। दिल्ली से निर्देश आया और राजीव गांधी युवा मित्रों को हटा दिया। आपको नाम बदलना था तो स्व. अटल जी का नाम रख देते लेकिन नौजवानों की रोजी-रोटी छीनने का क्रूर मजाक क्यों किया? मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह करता हूं कि इस फैसले पर पुनर्विचार करें, युवाओं का रोजगार मत छीनिये।’
अब 50 हजार वाली इस भर्ती पर रोक
इधर राजस्थान सरकार ने 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी. इसके बाद डोटसरा ने उस आदेश की कॉपी के साथ ट्विट कर कहा- ‘राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाने के बाद भाजपा सरकार द्वारा 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती प्रक्रिया रद्द करना युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात है। सेवा प्रेरक का काम अंहिसा, प्रेम और गांधी दर्शन का प्रचार-प्रसार करना था लेकिन जिन्हें गोडसे में विश्वास हो वो गांधी जी के विचारों को कैसे बढ़ा पाते! इसीलिए इन्होंने ये क़दम उठाया है। भाजपा सरकार रोजगार का रोडमैप बनाने की बजाय रोजगार छीनकर युवाओं को बेरोजगारी में धकेलने का काम रही है।’
इसलिए शुरू हुई थी राजीव गांधी युवा मित्र योजना
नवगठित भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना को बंद कर दिया है, जिसका उद्देश्य प्रस्तावित रूप से बेरोजगार युवाओं को इंटर्नशिप देना था. एक आदेश के मुताबिक राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना (आरजीवाईएमआईएस) 31 दिसंबर, 2023 से तत्काल प्रभाव से बंद कर दी जाएगी. इस योजना का उद्देश्य लोगों के दरवाजे पर शासन सेवाओं के बारे में जागरूक करने के लिए राजीव गांधी युवा मित्र (आरवाईएम) नामक बौद्धिक और स्व-प्रेरित युवाओं का एक समूह विकसित करना था. इस कोर को बनाने के पीछे मूल विचार सरकार में लोगों के बीच विश्वास पैदा करना और यह देखना है कि उनकी बुनियादी ज़रूरतें उनके दरवाजे पर पूरी हों.
युवाओं को मिलता था 10 हजार रुपए महीने
इस योजना में नामांकित लोगों को 10,000 रुपये तक का वजीफा दिया जाता था. सरकार ने इस योजना के माध्यम से लगभग 50,000 युवाओं का नामांकन किया था. हालांकि नई बीजेपी सरकार ने इसपर रोक लगा दी है.
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