Lok Sabha Election: राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटों पर 16 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है. अब प्रदेश में उन सीटों पर चर्चा होने लगी है, जहां पर कांग्रेस-बीजेपी मजबूत है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा 8-9 सीटें पर जीत की संभवाना जता रहे हैं. वहीं अलग-अलग नेता अलग-अलग नंबर बता रहे हैं. एक इंटरव्यू में डोटासरा ने श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़, झुंझुनूं, सीकर, चूरू, दौसा, टोंक सवाई माधोपुर, जयपुर ग्रामीण, बाड़मेर और करौली-धौलपुर सीट पर मजबूत होने का दावा किया है. हालांकि नतीजे कितने सही बैठेंगे ये 4 जून को पता चलेगा. इसी बीच हमारे सहयोग चैनल 'लल्लनटॉप' से बातचीत करते हुए गहलोत ने भी राजस्थान की कांग्रेस के लिए सबसे मजबूत सीट का ज्रिक किया है.
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गहलोत की नजर में सबसे मजबूत सीट कौनसी
इंटरव्यू में बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की सबसे मजबूत सीट का ज्रिक किया. गहलोत ने जिस सीट की ज्रिक किया वह राजस्थान ही नहीं पूरे देशभर में चर्चित रही और मतदान के दिन वहां काफी बवाल भी देखने को मिला. गहलोत ने 'बाड़मेर-जैसलमेर' सीट का ज्रिक करते हुए कहा कि "मेरी नजर में वह राजस्थान की नंबर-1 सीट है हमारी. जो हम जीत सकते हैं. मैं वहां 3 बार प्रचार करने गया. उम्मेदाराम बेनीवाल जी ने मुझे बुलाया. मैंने प्रदेश की 22 सीटों पर प्रचार किया". वहीं जीत के श्रेय को लेकर पूछ गए सवाल पर गहलोत ने कहा- "इस पर जीत की पूरा श्रेय कांग्रेस पार्टी को जाएगा". वहीं हरीश चौधरी का जीत में श्रेय होने की बात पर गहलोत ने कहा..मेरे नजर में तो कांग्रेस को जाएगा. खड़गे जी, राहुल जी को जाएगा.
बाड़मेर-जैसलमेर सीट रही सबसे अधिक चर्चित
रविंद्र सिंह भाटी के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद बाड़मेर-जैसलमेर सीट अधिक चर्चाओं में आ गई. यहां से बीजेपी के प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और कांग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल हैं. ऐसे में 26 वर्ष के एक निर्दलीय विधायक के ताल ठोकने से मामला और अधिक चर्चित हो गया. विधानसभा चुनाव के समय भाजपा की टिकट न मिलने के बाद रविंद्र सिंह भाटी ने शिव विधानसभा से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. भाटी का युवाओं में काफी क्रेज देखा जा रहा है.
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