हनुमान बेनीवाल ने कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरा, भरतपुर को लेकर कर दी ये मांग, जानें

राजस्थान तक

23 Feb 2023 (अपडेटेड: Feb 23 2023 2:17 PM)

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में बढ़ते अपराध को लेकर आरएलपी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने राज्य की कानून व्यवस्था पर जमकर हमला बोला. उन्होंने इसे चिन्ता का विषय बताते हुए कहा कि आम आदमी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है, क्योंकि कब कहां गैंगवार की घटना हो जाए कोई नही जानता. आज […]

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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में बढ़ते अपराध को लेकर आरएलपी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने राज्य की कानून व्यवस्था पर जमकर हमला बोला. उन्होंने इसे चिन्ता का विषय बताते हुए कहा कि आम आदमी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है, क्योंकि कब कहां गैंगवार की घटना हो जाए कोई नही जानता. आज भरतपुर में एक व्यक्ति को सरे राह लाठियों से पीटकर गोली मार दी गई.

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सांसद ने कहा कि भरतपुर के मथुरा गेट थाना क्षेत्र में बर्ड सेंचुरी के निकट दो पक्षों में जमकर हुई लड़ाई का वीडियो वायरल होने की घटना के साथ जिले में पिछले एक साल वर्ष में कई आपराधिक घटनाएं हुई है. ट्वीट करते हुए कहा कि जिलें में घटित घटनाओं पर प्रकाश डालेंगे तो अवैध खनन को रोकने के लिए मजबूरन संत विजयदासजी को आत्मदाह करना पड़ा.

बेनीवाल ने कहा कि जिले के कुम्हेर थाना क्षेत्र में तीन सगे भाइयों की हत्या कर दी गई और भुसावर थाना क्षेत्र के गांव पथेना में आपसी विवाद को लेकर जाट समाज के तीन लोगो की हत्या हुई. मेवात क्षेत्र में ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों पर भी पुलिस प्रभावी अंकुश नहीं लगा पाई. साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में भरतपुर जिलें में 8 फीसदी अपराधों में बढ़ोतरी हुई.

ऐसी तमाम आपराधिक घटनाओं को देखने से यह प्रतीत हो रहा है कि जिले के पुलिस कप्तान कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम नजर आ रहे हैं. चूंकि भरतपुर जिला उत्तरप्रदेश की सीमा से लगा हुआ है, ऐसे में कानून व्यवस्था को सशक्त करने के लिए सरकार को त्वरित प्रभाव से जिला पुलिस अधीक्षक भरतपुर को हटाने के साथ जिन थाना क्षेत्रों में अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है उन थाना अधिकारियों को भी अन्य जिले में लगाने की जरूरत है.

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अधिवक्ताओं की आत्महत्या राज्य सरकार पर सवालिया निशान 
इस दौरान उन्होंने श्रीगंगानगर जिलें में एक और वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्रपाल सिंह के आत्महत्या पर भी सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि एक के बाद एक  सिस्टम की प्रताड़ना से आहत होकर अधिवक्ताओं का आत्महत्या करना राज्य सरकार पर बहुत बड़ा सवालिया निशान है. पूर्व में इसी जिले में नशे के खिलाफ लड़ने वाले अधिवक्ता विजय सिंह झोरड़ ने भी सिस्टम में बैठे लोगो की प्रताड़ना आहत होकर आत्महत्या कर ली. उस मामले में सुसाइड नोट में नाम उल्लेखित होने के बावजूद आज तक पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नही की.

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