Chandrashekhar azad and hanuman beniwal: राजस्थान विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) से पहले आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद के गठबंधन ने सियासी हलचल तेज कर दी है. कयास है कि प्रदेश के सियासी समीकरण इससे बदल सकते हैं. क्योंकि राजस्थान में जाट और दलित मतदाता एक हो जाते हैं, तो भाजपा कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी पैदा कर सकते हैं. दोनों पार्टियों के गठजोड़ ने अब तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट को तेज कर दिया है. थर्ड फ्रंट ऐसे मजबूत नेताओं को अपना प्रत्याशी बना रहा है, जो पिछले विधानसभा चुनाव में काफी मजबूती के साथ लड़े या दूसरे नंबर पर रहे.
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भरतपुर जिले की 7 विधानसभा सीटों में नगर विधानसभा सीट से आजाद समाज पार्टी ने नेम सिंह फौजदार को अपना प्रत्याशी बनाया है. नगर विधानसभा से नेम सिंह मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं, क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में वह दूसरे नंबर पर रहे थे. वहीं, दलित वोट साथ आने की संभावना के बाद उन्हें जीत की उम्मीद है.
भरतपुर की इन सीटों पर है जीत की उम्मीद!
गौरतलब है कि नगर विधानसभा सीट पर 50 हजार मुस्लिम मतदाता, 45 हजार गुर्जर मतदाता और 40 हजार जाट मतदाता है. यहां 3 लाख 60 हजार अनुसूचित जाति के मतदाता है. दूसरी तरफ आजाद समाज पार्टी ने बानसूर से रोहताश शर्मा को टिकट दिया है. रोहताश शर्मा भाजपा के नेता रह चुके हैं और भाजपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. लेकिन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के खिलाफ बयानबाजी के चलते उनको बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था. यहां ब्राह्मण और दलित वोट के एक साथ होने के कयास के चलते इन्हें मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा है.
इन सबके बीच साफ तौर पर हनुमान बेनीवाल और चंद्रशेखर की निगाहें बीजेपी और कांग्रेस के बागी नेताओं पर हैं. जिन्हें टिकट नहीं मिलने की स्थिति में गठबंधन का उम्मीदवार बनाया जा सका है. जिससे इन बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों पार्टियों के सियासी समीकरण भी गड़बड़ाते हुए दिख रहे हैं.
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