बीतें 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने एनडीए सरकार के कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. साथ ही लगातार 7वीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी बनाया. इस बजट में जहां बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के लिए बजट का बड़ा हिस्सा आवंटित किया गया. हालांकि राजस्थान को लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र समेत कई सेक्टर में आवंटित बजट का लाभ भी प्रदेश को मिलने की संभावना है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस बजट का लाइव प्रसारण देख रहे थे. जिसकी तस्वीर भी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर की. वहीं, विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने राजस्थान की अनदेखी का आरोप लगाते हुए केंद्र की मोदी सरकार के साथ-साथ भजनलाल सरकार को भी घेर लिया है. जबकि सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे विकसित भारत का लोक कल्याणकारी, विकासोन्मुख तथा सर्वसमावेशी बजट बताया.
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मुख्यमंत्री ने कहा "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2024-25 देश के युवा वर्ग, नारी शक्ति, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और कृषकों के कल्याण के लिए समर्पित है. यह बजट प्रधानमंत्री के वर्ष 2047 के विजन के अनुरूप भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के संकल्प को साकार करने वाला बजट है."
कांग्रेस ने लगाए राजस्थान के हितों के साथ खिलवाड़ के आरोप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि ये नाउम्मीदी से भरा हुआ बजट है. मोदी सरकार के दिशाहीन बजट में गरीब, किसान, युवा एवं मध्यम वर्ग को घोर निराशा हाथ लगी है. ना किसान के लिए MSP की गारंटी है, ना युवाओं के लिए नई भर्तियों की घोषणा है, ना महंगाई कम करने की बात है, ना ही नौकरीपेशा को टैक्स स्लैब में छूट देने और OPS लागू का कोई जिक्र है. राजस्थान के संदर्भ में भी बजट बेहद निराशाजनक रहा है, केंद्रीय बजट में पिछले कई वर्षों से लगातार राजस्थान की अनदेखी की जा रही है.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गए बजट में राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी है. ऐसा लगा कि राजनैतिक कारणों से केन्द्र सरकार ने केवल आंध्र प्रदेश और बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया हो. भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से हमारे राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी, लेकिन पूरे बजट भाषण में राजस्थान का नाम तक नहीं आया. जबकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तथाकथित डबल इंजन की सरकार से डबल विकास के भ्रामक दावे के बगैर प्रधानमंत्री का कोई भाषण समाप्त नहीं होता था.
गहलोत बोले- हमने 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया, केंद्र सरकार ऐसा क्यों नहीं करती?
गहलोत ने कहा "हमें आशा थी कि केन्द्र सरकार इस बजट में ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देगी एवं ERCP के लिए विशेष फंड मिलेगा. लेकिन केन्द्र सरकार ने ERCP पर भी कोई घोषणा ना कर राजस्थान के हितों के साथ खिलवाड़ किया है. महंगाई को काबू करने के लिए इस बजट में कोई उपाय नहीं किए गए हैं. ना तो पेट्रोल डीजल पर कोई टैक्स कम किया गया और ना ही रसोई गैस सस्ती की गई. राजस्थान में हमारी सरकार ने 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया. जब राजस्थान राज्य ऐसा कर सकता है तो केन्द्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती?
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