Exclusive Interview: डोटासरा के गढ़ में कांग्रेस पीछे हटी और आखिर कैसे जीते कम्युनिस्ट? अमराराम ने खुद बताई पूरी कहानी

गौरव द्विवेदी

11 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 11 2024 1:00 PM)

सीकर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ना होकर सीपीएम और बीजेपी के उम्मीदवार था. जिसमें सीपीआई के नेता अमराराम ने 72 हजार 896 मतों से बीजेपी के सुमेधानंद सरस्वती को हरा दिया. खास बात यह रही कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गढ़ में अमराराम (Amraram) को इंडिया गठबंंधन (I.N.D.I.A Alliance) के प्रत्याशी के तौर पर उतारा गया था.

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सीकर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ना होकर सीपीएम और बीजेपी के उम्मीदवार था. जिसमें सीपीआई के नेता अमराराम ने 72 हजार 896 मतों से बीजेपी के सुमेधानंद सरस्वती को हरा दिया. खास बात यह रही कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गढ़ में अमराराम (Amraram) को इंडिया गठबंंधन (I.N.D.I.A Alliance) के प्रत्याशी के तौर पर उतारा गया था. जिसका फायदा भी मिलता दिखा. नतीजा यह रहा कि लेफ्ट पार्टी राजस्थान में एकमात्र सीट जीतने में कामयाब रही.

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दिलचस्प यह भी है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में लेफ्ट पार्टी ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ लोकतांत्रिक मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ा था. लेकिन 6 महीने के भीतर ही कांग्रेस के समर्थन से वामपंथी पार्टी का उम्मीदवार अब संसद में पहुंच गया है.

इन तमाम मुद्दों पर सीकर सांसद अमराराम ने Rajasthan Tak से एक्सलूसिव बातचीत की.

सवालः आप और आपकी पार्टी कांग्रेस-बीजेपी को नागनाथ और सांपनाथ कहती हैं, अब आप कांग्रेस के समर्थन से संसद पहुंचे हैं? 

जवाबः पिछले 10 साल से बीजेपी शासन में है. वह संवैधानिक संस्थाओं को तहस-नहस करने में लगे हुए हैं. देश का मजदूर-किसान सालभर तक केंद्र की नीतियों के खिलाफ लड़ा. इसी प्रेरणा से तमाम धर्मनिरपेक्ष और वामपंथी दल ने साथ आकर इंडिया गठबंथन बनाया. 

सवालः राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी दलों ने लोकतांत्रिक मोर्चा बनाया, उसका आप भी हिस्सा थे. अब तीसरे मोर्चे का क्या भविष्य होगा?

जवाबः इंडिया गठबंधन देश की सरकार के खिलाफ बना था. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान हमने तीसरा मोर्चा बनाया था. तब बीजेपी की सरकार नहीं थी. मोर्चे बनते भी हैं और टूटते भी हैं. ऐतिहासिक किसान आंदोलन में लोकतांत्रिक मोर्चे के घटक दलों ने भी हिस्सा लिया था. 

सवालः आपकी पार्टी का राष्ट्रीय एजेंडा क्या है?

जवाबः हमारा एजेंडा है जातिगत जनगणना और जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण को लागू करवाना. इसके लिए हम संसद में भी मांग करेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी खुद को ओबीसी बताते हैं तो ओबीसी की जनगणना क्यों ना होनी चाहिए? हम जातिगत जनगणना और जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण के लिए मिलकर आंदोलन करेंगे.  

सवालः राजस्थान और सीकर के क्या मुद्दे हैं?

जवाब: राजस्थान का सबसे बड़ा मुद्दा तो पेयजल है, आबादी का बड़ा हिस्सा पीने के पानी के लिए तरस रहा है. बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से भी लोग त्रस्त हैं. जो वादे साल 2014 में बीजेपी करके सत्ता में आई थी, उसे पूरे करने की बजाय बीजेपी सरकार ने देश को पीछे ले जाने का काम किया. पिछली सरकार के दौरान उनकी नीतियां देश के उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाली ही रही. उनके कुशासन से लोग त्रस्त हैं.   

सवालः सीकर में कांग्रेस का प्रभाव भी है, अब चुनाव जीतने के बाद अमराराम किसके दवाब में रहेंगे?

जवाबः किसी के दवाब में रहने की जरूरत क्या है. हम जनता के वोट से जीतकर आए हैं, जनता के लिए काम करेंगे. 

सवालः क्या अगले विधानसभा चुनाव के लिए समझौता हुआ है कि आप दांतारामगढ़ विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ेगा?
जवाबः
 एक सीट पर कांग्रेस ने हमें समर्थन दिया, जबकि अन्य 24 सीटों पर कांग्रेस को हमने समर्थन दिया. जब अगला विधानसभा चुनाव आएगा, तब हम उस चुनाव को लेकर बात करेंगे. समझौता लोकसभा चुनाव के लिए ही हुआ था. सीकर की सीट का समझौता कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और लेफ्ट के नेताओं के बीच हुआ था. जिसके चलते सीकर की सीट राष्ट्रीय स्तर के गठबंधन के तहत सीपीएम के खाते में आई. फिर सीपीएम ने सीकर से प्रत्याशी तय किया.

 

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