Lok Sabha Election: राजस्थान में बीजेपी नहीं लगाएगी जीत की हैट्रिक! कांग्रेस का खुलेगा खाता?

Umesh Mishra

01 May 2024 (अपडेटेड: May 1 2024 1:06 PM)

राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कम मतदान के बाद किस पार्टी का पलड़ा भारी रहेगा? इसे लेकर राजस्थान तक ने धौलपुर जिले के पत्रकारों की राय जानी.

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राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हो चुका है. पहले चरण में 19 अप्रैल को 12 और 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 13 सीटों पर वोटिंग हुई है. साल 2014 और 2019 के दौरान पिछले दो चुनावों में 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी (BJP) के लिए इस बार राह आसान नहीं है. वोटिंग (Voting) खत्म होने के बाद राजनीतिक दलों में इसे लेकर मंथन भी शुरू हो चुका है. अब बड़ा सवाल यही है कि कम मतदान के बाद किस पार्टी का पलड़ा भारी रहेगा? इसे लेकर राजस्थान तक ने धौलपुर जिले के पत्रकारों की राय जानी.

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पत्रकारों का मानना है कि राजस्थान में इस बार बीजेपी हैट्रिक नहीं लगाएगी. भले ही बीजेपी 17 से 18 सीट पर मजबूत हैं, लेकिन इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A Alliance) भी 7-8 सीटों पर मजबूत चुनौती दे चुका है.

 

 

इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे नहीं, बल्कि क्षेत्रीय मुद्दे हावी थे. साथ ही इस मुद्दे में जाति का फैक्टर और महंगाई की समस्या भी मुख्य रही. पूरे देश में मोदी मैजिक या मोदी लहर की बात करने वाली बीजेपी के लिए राजस्थान में चुनाव इसलिए भी अलग है क्योंकि अबकी बार मतदाताओं में राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर उत्साह देखने को नहीं मिला हैं. साथ ही सवर्ण वर्ग ने कम मतदान किया हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में दलित-मुस्लिमों ने किया मतदान

ग्रामीण क्षेत्रों में दलित और मुस्लिमों ने मतदान अधिक किया है. पत्रकारों के मुताबिक कम मतदान होने पर कांग्रेस को फायदा होता हैं. एक आंकलन यह भी है कि प्रदेश की 6 सीटों पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट के चुनाव प्रचार का भी असर रहा. ऐसे में इन सीटों पर परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आने पर पायलट का कद बढ़ेगा. टोंक-सवाई माधोपुर, दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर, जयपुर ग्रामीण और जोधपुर सीट से सीधे तौर पर सचिन पायलट की साख जुड़ी हुई है.

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