Rajasthan Politics: उपचुनाव से पहले किरोड़ीलाल मीणा ने बढ़ाई हलचल! कौन-कौन हैं बाबा के निशाने पर?

राजस्थान तक

27 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 27 2024 2:56 PM)

पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में पेपर लीक के खिलाफ मोर्चा खोल चुके बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा अब सबूत होने का दावा कर रहे हैं. उन्होंने यह सबूत एसओजी को सौंप भी दिए हैं.

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राजस्थान की सियासत में बीतें कुछ समय से कई चौंकाने वाले घटनाक्रम हो रहे हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित जीत, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ी की नियुक्ति और डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का मंत्री पद से इस्तीफा. डॉ. मीणा इस्तीफे के बाद भी हलचल मचाए हुए हैं. पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में पेपर लीक के खिलाफ मोर्चा खोल चुके बीजेपी के दिग्गज नेता अब सबूत होने का दावा कर रहे हैं. उन्होंने यह सबूत एसओजी को सौंप भी दिए हैं.

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मीणा ने आरोप लगाए कि एसओजी के अधिकारियों ने आरोपियों को बचाने के लिए रिश्वत ली. साथ ही उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों के अलावा प्रकरण में लिप्त कई आरोपी विधानसभा में बैठे हैं. जाहिर तौर पर उनका निशाना कांग्रेस के कई नेताओं पर है. वहीं, सरकार बनने के बाद से ही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर कह रहे हैं ''इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जल्द ही जेल जाएंगे."

कयास यह लगाए जा रहे हैं कि किरोड़ीलाल मीणा के इस कदम से बीजेपी और कांग्रेस, दोनों खेमों में खलबली मची हुई है. क्योंकि कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाने के साथ ही उन्होंने कहा है कि इस मामले में एसओजी ने कार्रवाई नहीं की तो वह सत्याग्रह करेंगे. साफ है कि ऐसा होने पर सरकार पर भी सवाल खड़े होंगे. 

 

 

इधर, उपचुनाव में लगी दोनों पार्टियों के लिए यह दांव बड़ी मुसीबत साबित हो सकता है. क्योंकि पेपर लीक एक बार फिर कांग्रेस के खिलाफ मुद्दा बनेगा, जबकि भजनलाल सरकार पर कार्रवाई को गति देने का दवाब होगा. 

जांच अधिकारी पर लगाए थे 64 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप

बता दें कि 24 जुलाई को बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने इस मामले में बड़ा खुलासा करने का दावा किया था. उन्होंने एसओजी दफ्तर पहुंचकर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के दौरान पेपरलीक मामले को दबाने के लिए एसओजी के अधिकारियों के पैसे लेने के सबूत सौंपे थे. साथ ही आरोप लगाए थे कि पेपरलीक के सरगना भूपेन्द्र विश्नोई ने जांच अधिकारी मोहन पोसवाल को 64 लाख रूपए दिए हैं.

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