Amit Malviya Vs Ashok Gehlot: बीजेपी आईटी हेड अमित मालवीय (Amit Malviya) के एक ट्वीट के बाद राजस्थान (Rajasthan Politics) की सियासत गरमा गई है. एक के बाद किए गए ट्वीट-रिट्वीट के बाद बात सचिन पायलट (Sachin Pilot) तक आ पहुंची है. सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) को रिप्लाई देते हुए अमित मालवीय ने पुराना किस्सा एक बार फिर छेड़ दिया है. मामला सचिन पायलट को बेइज्जत करने तक आ गई है. दरअसल अमित मालवीय ने राजेश पायलट (Rajesh Pilot) को लेकर एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि राजेश पायलट ने मिज़ोरम की राजधानी आइज़वाल पर बम गिराये थे. इसी के चलते उन्हें मंत्री बनाया गया था. इस ट्वीट का रिप्लाई करते हुए सचिन पायलट ने इसे झूठा करार दिया था.
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बुधवार को सीएम गहलोत ने राजेश पायलट के पक्ष में ट्वीट कर अमित मालवीय को जवाब दिया. सीएम गहलोत ने ट्वीट कर लिखा था, “कांग्रेस नेता श्री राजेश पायलट भारतीय वायुसेना के वीर पायलट थे. उनका अपमान करके भाजपा भारतीय वायुसेना के बलिदान का अपमान कर रही है. इसकी पूरे देश को निंदा करनी चाहिए.”
अमित मालवीय ने सीएम गहलोत को दिया जवाब
सीएम गहलोत के पलटवार के बाद अब अमित मालवीय ने गहलोत के ट्वीट का जवाब दिया है. मालवीय ने लिखा, “चलिए, आपको राजेश पायलट जी के सम्मान की चिंता तो हुई! लेकिन अगर आप सच में उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखते तो उनके बेटे सचिन पायलट को अपने मंत्रिमंडल से बेइज्जत करके बर्खास्त नहीं करते. और सार्वजनिक रूप से उनके लिए अमर्यादित निकम्मा-नकारा-कोरोना-ग़द्दार जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल नहीं करते. हर बार जब आपने सचिन पायलट का अपमान किया, तब-तब क्या आपको राजेश पायलट जी के सम्मान की चिंता नहीं हुई?
1966 में मिज़ोरम में इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय वायु सेना द्वारा किए गये हवाई हमले में राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी के नाम 2011 में इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ़ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित अख़बारों में तत्कालीन असम विधानसभा की कार्यवाही में सांसद जीजी स्वेल और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डेंगहुआना का हवाला देते हुए प्रकाशित हुए थे. उसके बाद लगातार मीडिया में ये खबर आती रही. उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और सचिन पायलट मंत्री थे लेकिन इस खबर का कभी खंडन नहीं किया गया! वैसे, राजस्थान से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला की महिलाओं और बेटियों के लिए इस्तेमाल की गई घटिया भाषा के बारे में आपको क्या कहना है?”
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क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने 13 अगस्त को ट्वीट कर राजेश पायलट पर टिप्पणी की थी. उन्होंने लिखा था, “राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइज़वाल पर बम गिराये. बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने. स्पष्ट है कि नॉर्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया. जिसके जवाब में राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट ने अमिल मालवीय को जवाब दिया था. और उनकी टिप्पणी को झूठा बताया था. जिसके बाद बुधवार रात सीएम गहलोत ने राजेश पायलट को लेकर ट्वीट किया”.
सचिन ने दिया था जवाब
अमित मालवीय को जवाब देते ही पायलट ने लिखा था कि “आपके पास गलत तारीखें, गलत तथ्य हैं…हां, भारतीय वायु सेना के पायलट के रूप में मेरे दिवंगत पिता ने बम गिराए थे, लेकिन वो 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उस वक्त के पूर्वी पाकिस्तान पर था, न कि 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम पर, जैसा कि आप दावा करते हैं. स्व. श्री राजेश पायलट जी दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे।(प्रमाणपत्र संलग्न)स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द.”.
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