लोकसभा चुनाव से पहले यहां होगी बीजेपी की अग्निपरीक्षा! जानिए किन 5 सीटों पर पार्टी के लिए जीत होगी मुश्किल?

राजस्थान तक

• 01:55 PM • 05 Mar 2024

लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने 15 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. अब बची हुई 10 सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने बाकी है. कई ऐसी सीटें भी हैं, जिस पर बीजेपी कड़ी टक्कर मानकर चल रही है. इसके चलते इन सीटों पर पार्टी का फोकस भी ज्यादा है. 

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लोकसभा चुनाव (loksabha election 2024) के लिए बीजेपी ने अपने 15 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. अब बची हुई 10 सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने बाकी है. इसमें 5 सीटों पर महिला दावेदारों के नाम भी सामने आ गए हैं. अजमेर में बीजेपी (BJP) महिला मोर्चा में पदाधिकारी सरिता गेना और ऋतु चौहान, जयपुर (jaipur) ग्रामीण से पार्षद राखी राठौड़ और दौसा में मौजूदा सांसद जसकौर मीना की बेटी अर्चना मीना का नाम चर्चा में है. टोंक-सवाईमाधोपुर सीट पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की बेटी सुनीता बैंसला और राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर की दावेदारी की बात कही जा रही है. जबकि झुंझुनूं सीट पर मौजूदा सांसद नरेन्द्र कुमार की पुत्रवधु हर्षिनी कुल्हरि ने भी दावेदारी पेश की है.

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इधर, लोकसभा चुनाव में हर सीट को 5 लाख वोट के मार्जिन से जीतने के लिए बीजेपी ने रणनीति भी तैयार कर ली है. ऐसे में कई ऐसी सीटें भी हैं, जिस पर बीजेपी कड़ी टक्कर मानकर चल रही है. इसके चलते इन सीटों पर पार्टी का फोकस भी ज्यादा है. 

 

 

इन सीटों पर है फोकस

पार्टी का फोकस मुख्य रूप से करौली-धौलपुर, दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर सीट पर है. इनमें से दो सीट पर पिछले चुनाव में जीत का मार्जिन एक लाख वोट से कम था. वहीं, नागौर सीट पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन कर चुकी डॉ. ज्योति मिर्धा को मौका दिया गया है. लेकिन यहां चुनौती कम नहीं है. क्योंकि आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के कांग्रेस से गठबंधन को लेकर चर्चाएं चल रही है. वहीं, चुरू सीट पर मौजूदा सांसद राहुल कस्वां के टिकट कटने के बाद यहां के भी समीकरण बदले-बदले नजर आ रहे हैं. उनकी जगह देवेंद्र झाझडिया को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से ही कस्वां लगातार प्रतिक्रिया दे रहे हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह पीछे हटने के मूड में नहीं है.  

इन 5 सीटों का समझिए गणित 

दरअसल, जिन 5 सीटों को लेकर बीजेपी विशेष जोर दे रही है. वहां पिछले चुनाव में जीत का अंतर बहुत ज्यादा नहीं रहा था. दौसा में 1 लाख से भी कम यानी 78 हजार 444 वोटों से बीजेपी प्रत्याशी की जीत हुई थी. जबकि करौली-धौलपुर में 97 हजार 682 और टोंक-सवाईमाधोपुर में 1 लाख 11 हजार 291 वोट से जीत हुई. नागौर में आरएलपी उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने गठबंधन के चलते 1 लाख 81 हजार 260 और चुरू में राहुल कस्वां ने 3 लाख 34 हजार 402 वोट से जीत हासिल की थी. लेकिन नागौर में बेनीवाल के एनडीए से अलग होने के बाद समीकरण बदल गए हैं. 

इस रणनीति पर काम कर रही है बीजेपी

रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके तहत हर बूथ पर कम से कम 370 वोट बढ़ाने का टारगेट तय किया गया है. प्रदेश में 51187 बूथ हैं और इस आधार पर भाजपा के पक्ष में कम से कम 1.90 करोड़ वोट ज्यादा डलवाने हैं. इसके लिए विस्तारक, प्रवासी कार्यकर्ताओं को खास जिम्मेदारियां दी गई है. जबकि  विधायक, विधायक प्रत्याशी, प्रदेश और जिला संगठन के पदाधिकारी, पार्षद व कार्यकर्ता शामिल कर एक टीम गठित की गई है. 
 

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