पिछले साल राजस्थान में गठित नए जिलों को लेकर सियासत शुरू हो गई है. पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने चुनावी साल में नए जिलों और संभाग का ऐलान किया था. लेकिन बीजेपी सरकार बनने के बाद मुख्यमंंत्री भजनलाल शर्मा ने इस फैसले की रिव्यू करने के लिए कमेटी बना दी है. जिसके बाद कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर विरोध शुरू कर दिया है. बता दें कि सरकार समिति की रिपोर्ट के आधार पर विश्लेषण कर नए जिलों के गठन की समीक्षा करेगी. इस घोषणा के बाद से ही नए जिलों में सियासत गरमा गई है.
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इधर, नए जिलों के गठन को सरकार ने बनाई रिव्यू समिति का विधायक रामकेश मीणा ने विरोध करते हुए कहा कि गंगापुर सिटी जिला बनने की सारी शर्तें पूरी करता है. हमारी मांग आज से नहीं है, बल्कि 90 के दशक से है. हमसे पहले करौली जिला बन गया, तब भी हमने जहर का घूंट पिया और शांत रहे.
सीएम भजनलाल शर्मा के फैसले को लेकर विधायक ने कहा कि आज भजनलाल जो रिव्यू करवा रहे हैं, वह गलत है. मुख्यमंत्री हमारे संभाग से आते हैं तो मुझे भरोसा है कि वो गंगापुर जिले के गठन को लेकर अच्छा सोचेंगे. वहीं, चेतावनी देते हुए कहा कि अगर गंगापुर सिटी जिले को लेकर कोई भी गड़बड़ सरकार ने करने की कोशिश की तो हम अपनी जान पर खेल जाएंगे, हम लोगों के साथ सड़कों पर उतरेंगे और धरना-प्रदर्शन करेंगे. साथ ही कहा कि सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे, लेकिन गंगापुर जिले का अस्तित्व खत्म नहीं होने देंगे.
टोडाभीम विधायक ने भी दिया बड़ा बयान
वहीं, टोडाभीम विधायक घनश्याम महर ने कहा कि हम गंगापुर सिटी जिले में ही रहना चाहते हैं. सरकार जिलों के रिव्यु के नाम पर लोगों को भ्रमित कर रही है. हां, टोडाभीम की कुछ ग्राम पंचायत को गंगापुर सिटी दूर पड़ता है, इसलिए वह वापस करौली जिले में रहना चाहते हैं तो हमें इससे भी कोई आपत्ति नहीं है.
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