"सरकार एनडीए गठबंधन की है, भविष्य में क्या होगा...", लोकसभा का पहला सत्र शुरू होते ही पायलट ने दिया बड़ा बयान

राजस्थान तक

26 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 26 2024 4:52 PM)

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी इसे लेकर चर्चा की. मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेता प्रतिपक्ष बनने से न केवल कांग्रेस (Congress), बल्कि इंडिया एलायंस में भी ऊर्जा का संचार हुआ है.

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा इस बार राहुल गांधी निभाएंगे. इस खबर के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी इसे लेकर चर्चा की. मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेता प्रतिपक्ष बनने से न केवल कांग्रेस (Congress), बल्कि इंडिया एलायंस में भी ऊर्जा का संचार हुआ है. राहुल गांधी ने लगातार चुनौती दी है और लोगों की आवाज बने हैं.

पायलट ने कहा कि लाखों करोड़ों लोग जिन्होंने लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए और संविधान को सुरक्षित रखने के लिए इंडिया गठबंधन को वोट डाला था, उनको उम्मीद बनी है कि अब राहुल गांधीजी सच की लड़ाई लड़ने का काम करेंगे. 

 

 

सरकार का रवैया सही नहीं- पायलट

साथ ही उन्होंने कहा कि इस सरकार का रवैया सही नहीं है, अब तक परंपरा यह है कि अगर स्पीकर बनता है तो डिप्टी स्पीकर विपक्ष का बनता है. हमारी सरकार के समय डिप्टी स्पीकर विपक्ष का था. अभी पता नहीं क्या निर्णय हुआ है, लेकिन हमारे समय पर स्वच्छ परंपरा के तहत ऐसा हुआ है. यह एक मिलीजुली सरकार है किसी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. बीजेपी जब चुनाव में गई थी तो 303 सांसद थे आज उनके 240 रह गए हैं. 65 सांसद कम हुए कांग्रेस पार्टी के 55 से 102 सांसद हुए है. मतलब हमने जो बात कही वह जनता ने स्वीकार की है. सरकार एनडीए गठबंधन की बनी है, भविष्य में क्या होगा यह पता नहीं है. 

स्पीकर ओम बिरला को लेकर उन्होने कहा कि वो दूसरी बार स्पीकर बने हैं. हम उम्मीद करते है कि जैसा राहुल गांधी ने कहा है वह निष्पक्षता से काम करेंगे और प्रत्येक दल के सदस्य को बराबरी का मौका मिले. एक दिन में 147 सांसदों के निलंबन की घटना को याद करते हुए कहा कि वह इतिहास के लिए काला दिन था. विपक्ष का संख्या बल जो आज है, वह पिछले कार्यकाल से कहीं ज्यादा है. पक्ष में और विपक्ष में ज्यादा गैप नहीं है.  

NEET परीक्षा पर भी कह दी बड़ी बात

अभी देश का सबसे बड़ा मुद्दा NEET की परीक्षा का है. विवादित होने के कारण लाखों नौजवानों को सदमा लगा है. नौजवानों में जो विश्वास परीक्षा की प्रणाली पर है, उसे पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है. केंद्र सरकार ने जिस तरह से शुरू में अड़ियल रवैया अपनाया था. उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी. लेकिन अभी तक जिम्मेदारी तय नहीं की गई है. जिस तरह से लीपापोती कर बचाव करने का काम हो रहा, यह शोभा नहीं देता है. लगातार लोगों में भ्रम फैल रहा है कि अब हमारा भविष्य सुरक्षित नहीं है. आजाद भारत के इतिहास में आज सबसे ज्यादा शिक्षित बेरोजगार है. 

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