CBSE 10th Topper Result 2024: टीना डाबी से इंप्रेस होकर जैसलेमर की रसिका ने 10वीं में किया कमाल, मार्कशीट देख चौंक जाएंगे

विमल भाटिया

15 May 2024 (अपडेटेड: May 15 2024 1:05 PM)

CBSE 10th Topper Result 2024: 2016 बैच की UPSC टॉपर एव जैसलमेर की पूर्व जिला कलेक्टर टीना डाबी से इंस्पायर होकर जैसलमेर की रसिका भाटिया (CBSE 10th Topper Rasika Bhatia Marksheet) ने 10वीं कक्षा में 94.8% अंक हासिल किए हैं. वह इस सफलता में टीना डाबी का बड़ा हाथ मानती है. सेंट पॉल स्कूल में पढ़ने वाली रसिका भाटिया पूर्व जिला कलेक्टर टीना डाबी को अपनी प्रेरणा मानती हैं.

cbse result 2024 topper

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CBSE Result Topper 2024: 2016 बैच की UPSC टॉपर एव जैसलमेर की पूर्व जिला कलेक्टर टीना डाबी से इंस्पायर होकर जैसलमेर की रसिका भाटिया (CBSE 10th Topper Rasika Bhatia Marksheet) ने 10वीं कक्षा में 94.8% अंक हासिल किए हैं. वह इस सफलता में टीना डाबी का बड़ा हाथ मानती है. सेंट पॉल स्कूल में पढ़ने वाली रसिका भाटिया पूर्व जिला कलेक्टर टीना डाबी को अपनी प्रेरणा मानती हैं.

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Rashika Bhatia CBSE 10th Mark Sheet

  • इंग्लिश लैग्वेज & लिटरेचर - 73
  • हिंदी - 76
  • मैथ्स- 75
  • साइंस- 71
  • सोशल साइंस-79

टीना डाबी को मानती है रॉल मॉडल

रसिका भाटिया ने बताया कि टीना डाबी से प्रेरणा लेकर मुझे बहुत अच्छा लगा, मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि मेरे 94.8% बने हैं. मेरी मेहनत मेरे काम आई. मुझे मेरे पेरेंस मेरे शिक्षकों और जैसलमेर की पूर्व जिला कलेक्टर 2016 बैच की यूपीएससी टॉपर टीना डाबी की सफलता की कहानी ने मुझे वह बहुत प्रेरित किया और मुझे अधिक से अधिक पढ़ने के लिए मोटिवेट किया.

हार्ड वर्क से पाया लक्ष्य

रसिका को व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम व परिवारजन के कॉल्स से खूब बधाइयां मिल रही है. रसिका के पारिवारिक कठिनाइयों की बात करें तो रसिका कहती है कठिनाइयां तो बहुत देखी है. उन कठिनाइयों को कम करके एक ही मोटिव रखना है कि पढ़ाई के साथ-साथ हार्ड वर्क करना है तो कठिनाइयां दूर हो जाती है. मेरे माता-पिता कहते हैं कि तुम्हारे से जितना हो सके उतना पढ़ो और दिमाग में ज्यादा लोड नहीं लेना है उससे मेरे दिमाग में मोटिव आया है और कुछ करके दिखाना है फिर वही हुआ. आगे क्या करना है उसको लेकर रसिका ने कहा अभी कंफ्यूजन है.

आटा चक्की चलाता है परिवार

रसिका की माता बताती है की रसिका के दादा के टाइम से घर में आटा चक्की थी. शहर वासी आटा हमारी चक्की से पिसवाकर ले जाते हैं.  मगर बच्चों के एजुकेशन को लेकर अगर बात की जाए तो उन्होंने उस समय भी एजुकेशन पर जोर दिया था. उनका लक्ष्य था कि महिलाओं और बच्चों के प्रति एजुकेशन पहली प्राथमिकता है. एजुकेशन से हर कोई अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है और आगे कुछ कर सकता है. बच्चे दादा की कहानी सुनते थे उन कहानियों में एजुकेशन के प्रति भी बातें होती थी वह बातें परिवार में एजुकेशन के प्रति घुल सी गई उसका परिणाम हमें धीरे-धीरे मिलता आ रहा है. रसिका की माता बताती है कि हमारे समय में एजुकेशन की कमी थी और सिचुएशन अलग थी मगर अब बच्चों को यही कहना चाहूंगी बच्चे-बच्चियां पढ़ाई कर आगे बड़े और अपना नाम कमाए. मैं भी टीना डाबी से प्रेरित हुई थी. जैसलमेर में एक महिला कलेक्टर ऐसी आई जिन्होंने बच्चों को एजुकेशन के प्रति उत्साहित किया. वह दिन भूलने के दिन नहीं है जब भी एजुकेशन की बात आती है तो टीना डाबी याद आती है.

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