मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर रनिया को उदयपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार, हत्या और लूट जैसे 53 मामले हैं दर्ज

Satish Sharma

02 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 2 2023 5:15 PM)

History-Sheeter Raniya Arrested: राजस्थान के उदयपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. उदयपुर पुलिस ने मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर रनिया को गुजरात के पालनपुर से गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि शनिवार दोपहर तक पुलिस रनिया को लेकर उदयपुर पहुंच सकती है. गौरतलब है कि 27 अप्रैल को अपने बेटे की […]

मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर रनिया को उदयपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार, हत्या और लूट जैसे 54 मामले हैं दर्ज

मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर रनिया को उदयपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार, हत्या और लूट जैसे 54 मामले हैं दर्ज

follow google news

History-Sheeter Raniya Arrested: राजस्थान के उदयपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. उदयपुर पुलिस ने मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर रनिया को गुजरात के पालनपुर से गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि शनिवार दोपहर तक पुलिस रनिया को लेकर उदयपुर पहुंच सकती है.

यह भी पढ़ें...

गौरतलब है कि 27 अप्रैल को अपने बेटे की गिरफ्तारी के दौरान रनिया और ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था जिसमें थानाधिकारी समेत 7 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. तब से उदयपुर पुलिस के सैकड़ों पुलिसकर्मी रनिया को ढूंढने के लिए दिन-रात एक किए हुए थे. इससे पहले पुलिस एक नाबालिग समेत रनिया गैंग के 7 गुर्गों को अरेस्ट कर चुकी है.

रनिया पर विभिन्न थानों में 53 केस हैं दर्ज
हिस्ट्रीशीटर रनिया दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बदमाशों में सबसे बड़ा डाकू माना जाता है. उस पर हत्या, लूट, डकैती, मारपीट, अवैध हथियार रखने जैसे 53 मामले दर्ज हैं. पुलिस ने रनिया पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था.

आदिवासी इस वजह से मानते हैं रोबिनहुड!
दरअसल, यह डाकू साल 1995 से आदिवासी इलाकों में लूट और डकैती की वारदातों को देता था. इसके बाद उसने इसी रोड़ पर इन घटनाओं को अंजाम देने के लिए स्थानीय युवाओं के साथ एक गैंग बनाई. इस गैंग में ज्यादातर उसके आसपास के ग्रामीणों के साथ उसके करीबी रिश्तेदार भी शामिल हुए. इसके बाद गैंग के गुर्गे रोजाना सड़कों पर गुजरने वाले लूट की वारदात को अंजाम देते है. कई बार आसपास के इलाकों में बड़े कस्बों में दुकानों या ज्वेलर्स के यहां डकैती भी करते.

वह मुख्य तौर पर उसके इलाके के धन्ना सेठों को ही अपना निशाना बनाता. इसके बाद वो लूटी हुई रकम या अनाज को गैंग के साथ ही पूरे गांव में बांट देता. रनिया की गैंग कभी किसी गरीब या आदिवासी किसान के साथ कोई लूट-पाट नहीं करती. यही वजह है कि रनिया कोटड़ा और मांडवा के आसपास के इलाके में प्रभाव रखने लगा. आदिवासियों में उसकी रॉबिनहुड टाइप की छवि बनी गई थी. जब भी उसको पकड़ने कोई पुलिस आती तो पूरा गांव उसका साथ देता. उसको भागने में ग्रामीण पुलिस पर पथराव करने से भी नहीं चूकते.

यह भी पढ़ें: हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस पर ग्रामीणों ने किया हमला, SHO समेत 6 पुलिसकर्मी घायल, जानें पूरा मामला

    follow google newsfollow whatsapp