New update in sukhdev gogamedi murder: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (sukhdev gogamedi) हत्याकांड में हर रोत नए खुलासे हो रहे हैं. इस पूरे मामले में एक लेडी डॉन (lady don pooja) की एंट्री हुई है. एयरहोस्टेस बनने का सपना देख रही पूजा सैनी उर्फ पूजा बत्रा तक पुलिस पहुंची तो कई खुलासे और हो गए. पूजा ने गोगामेड़ी की हत्या करने वाले शूटर नितिन फौजी को मर्डर से एक हफ्ते पहले तक अपने घर में पनाह दी हुई थी.
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पूजा सैनी अपने पति के साथ 48 इनकमटैक्स कॉलोनी जगतपुरा जयपुर में किराए के फ्लैट में पूजा बत्रा के नाम से रहती है. पूजा सैनी का पति महेन्द्र कुमार उर्फ समीर फिलहाल फरार है. महेन्द्र कुमार कोटा का हिस्ट्रशीटर है. उसके खिलाफ हत्या का प्रयास, मारपीट, हथियार तस्करी समेत दो दर्जन से अधिक ज्यादा आपराधिक मुकदमें दर्ज है.
शूटर नितिन ऐसे पहुंचा जयपुर
हत्याकांड से पहले हिसार से किरायए की टैक्सी से नितिन फौजी 28 नवंबर को जयपुर के प्रताप नगर चौपाटी पहुंचा. यहां महेन्द्र कुमार उर्फ समीर और उसकी पत्नी पूजा ने चौपाटी से नितिन फौजी को अपनी गाड़ी में बैठाया. वे उसे अपने किराए के फ्लैट पर लेकर आ गया. इस मकान में एक लड़का और लड़की भी किराये पर रहते हैं. महेन्द्र उर्फ समीर ने इन दोनों को दूसरे कमरे में शिफ्ट किया और उनके कमरे में नितिन फौजी को रुकवाया. इस कमरे का गेट हमेशा बंद रखा जाता था. लड़का व लड़की इसके कमरे में नहीं जा सकते थे और न ही इससे बात कर सकते थे.
महेंद्र नितिन की रोहित से कराता था बात
पूजा सैनी खाना बनाकर नितिन फौजी को उसके कमरे में देने जाती थी. वहीं महेन्द्र अपने मोबाइल से रोहित गोदारा व वीरेन्द्र चारण की नितिन फौजी से बात करवाता था. घटना वाले दिन महेन्द्र आधा दर्जन से अधिक पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस नितिन को दिया. इन हथियारों में से नितिन फौजी ने अपने लिए दो पिस्टल व दो मैग्जीन रखी. तथा एक पिस्टल मय मैग्जीन व एक अतिरिक्त मैग्जीन दूसरे शूटर के लिए रखी. साथ ही महेन्द्र ने 50-50 हजार की दो नोटों की गड्डी नितिन फौजी और रोहित के लिए दी.
हत्या के दिन ऐसे की प्लानिंग
सुबह करीब 10 बजे नितिन फौजी को महेन्द्र अपनी गाड़ी में बिठाया और उसको लेकर अजमेर रोड पर पहुंचाया. यहां पहले से शूटर रोहित राठौड़ इंतजार कर रहा था. महेन्द्र ने अपनी कार में रोहित राठौड़ को बैठाया. उसे एक पिस्टल के साथ मैग्जीन और एक एक्स्ट्रा मैग्जीन के साथ 50 हजार रुपए दिए. फिर दोनों को गाड़ी से नीचे उतारा था और Best of Luck कह कर रवाना हो गया.
पुलिस को महेंद्र के घर से मिला ये सब
पुलिस को महेन्द्र के घर की तलाशी में कई वाहनों की आरसी, पैन कार्ड, आधार कार्ड, मेमोरी कार्ड मिले हैं. वहीं हथियार तस्करी के लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के नेटवर्क संचालित करने के अहम सबूत मिले हैं. इस बात के भी तथ्य सामने आ रहे हैं कि लॉरेन्स गैंग द्वारा जयपुर में की गई कई गंभीर वारदातों में हथियार सप्लाई महेन्द्र और उसकी पत्नी ने किए हैं. दोनों एक साथ जाकर हथियार सप्लाई करते हैं, जिससे किसी को शक ना हो. यही वजह है कि महेन्द्र भारी हथियारों का जखीरा लेकर फरार हो गया है, जिसकी तलाश सरगर्मी से जारी है. बता दें कि राजू ठेहट हत्याकांड में भी यह बात सामन आई थी कि जयपुर में एक एके 47 किसी को दी गई थी. इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि यह वही एके 47 है. महेन्द्र कुमार उर्फ समीर के घर की तलाशी के दौरान पूजा के मोबाइल में उसके फ्लेट में रखी हुई एके 47 के फोटो मिले हैं.
खरीदी गई थी नई मोटरसाइकिल
महेन्द्र ने रोहित राठौड़ को मोटर साइकिल खरीदने के लिए 20 हजार रुपए दिये गये थे. ये रुपए देकर डाऊन पेमेन्ट से रोहित राठौड़ ने मानसरोवर स्थित एसपी मोटर्स से एक मोटरसाइकिल खुद के नाम से 29 नवंबर को खरीदी थी. वहीं रोहित राठौड़ ने घटना वाले दिन समय करीब 11 बजे सुबह सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के मकान के साईड में गली में इस मोटरसाईकिल को खड़ा किया और दो हैलमेट लगा चाबी अपने पास रख ली. इस मोटर साइकिल से दोनों शूटरों को फरार होना था. घटना के बाद जैसे ही दोनों शूटर्स इस मोटर साईकिल वाले स्थान पर पहुंचे तो मोटर साइकिल वहां पर नहीं मिली. इस कारण स्कूटी छीन का भागना पड़ा. जहां मोटर साइकिल खड़ी की गई थी, उसके सामने निर्माण कार्य चल रहा था. किसी के नहीं आने पर मजदूरों ने उसे दूसरी साइड में खड़ा कर दिया. इस कारण शूटर्स इस मोटरसाइकिल का उपयोग नहीं कर सके. पुलिस ने इस मोटर साइकिल को भी जप्त कर लिया. अब पुलिस महेन्द्र मेघवाल की तलाश में जुटी है.
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