girl sold on stamp paper in rajasthan: “मैं जब 6 साल की थी तब मेरे मां-बाप ने शादी करवा दी थी. मुझे 2 साल बाद ससुराल भेजने की तैयारी थी. तब मैं रातभर खूब रोई और ससुराल जाने से मना कर दिया.” ये कहना है राजस्थान (Rajasthan News) के भीलवाड़ा (Bhilwara News) जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर काछोला की रहने वाली 17 वर्षीय पुष्पा ( बदला हुआ नाम) का. उसने खुद एसपी आदर्श सिद्धू के सामने पेश होकर आपबीती बताई.
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दरअसल राजस्थान के भीलवाड़ा में एक बार फिर स्टाम्प पेपर पर बेटी बेचने का मामला सामने आया है. इस बार लड़की ने खुद सामने आकर आवाज उठाई है. उसने एसपी को शिकायत देकर सुई गांव के रहने वाले महेंद्र, कमल, कालू कंजर, बाकरा गांव के बटनिया, टोंक जयसिंहपुरा निवासी सुधेश, सम्मा और प्रियंका के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
कर्ज नहीं चुका पाने पर पिता ने 12 साल की उम्र में बेचा
पीड़ित लड़की ने बताया कि उसके पिता ने आरोपियों से 9 लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज लिया था. कर्ज नहीं उतार पाने पर उन्होंने पिता से एक स्टांप पेपर पर साइन करवा लिया था. उसमें उसे बेचे जाने की बात लिखी थी. जब कर्ज नहीं चुकाया तो आरोपी 12 साल की उम्र में उसे घर से उठाकर ले गए.
‘मैं रातभर चिल्लाती रही लेकिन सुनने वाला कोई नहीं था..’
अपने साथ हुए दर्दनाक वाकये के बारे में पीड़िता ने बताया कि दलालों ने पहली बार मुझे 12 साल की उम्र में ही एक ग्राहक को सौंप दिया था. इसके लिए उन्होंने ग्राहक से एक लाख रुपये लिए थे. पीड़िता ने बताया कि मैं दर्द की वजह से रातभर चिल्लाती रही, लेकिन मेरी सिसकियां सुनने वाला वहां कोई नहीं था. इसके बाद ऐसी हैवानियत मेरे साथ हमेशा होने लगी. 15 साल की उम्र में मां बन गई. अभी मेरी उम्र 17 साल है और दलाल मुझे आगे बेचना चाहते हैं. मैं इससे बाहर निकलना चाहती हूं.
लड़का पैदा होने पर किया ये हाल
पीड़िता ने बताया कि जब वह गर्भवती हो गई तब दलालों ने कहा कि लड़की हुई तो वह उसे 5 लाख रुपए में आगे बेचेंगे. लेकिन, मेरे लड़का हो गया. दलालों ने मुझे बुरी तरह पीटा और फिर से देह व्यापार में लगा दिया. चार महीने पहले जैसे-तैसे भागकर अपने पिता के घर आई. अब दलाल मुझे फिर से ले जाने के लिए मेरे परिवार को परेशान कर रहे हैं.
परिवार को रुपये उधार देकर अपने जाल में फंसाते हैं आरोपी
सामाजिक कार्यकर्ता ग्यारसी लाल ने बताया कि भीलवाड़ा जिले में पहले भी बेटियों को बेचने के मामले आए हैं. समाज के पंचों का गिरोह बना हुआ है. वह लड़कियों को खरीदने और बेचने का काम करते हैं. ये गिरोह गरीब परिवार को उधार रुपए देकर फंसाते हैं. ज्यादा पैसा उधार होने के बाद स्टांप पर लिखवाकर बेटियों को खरीद लेते हैं. इन बेटियों को टोंक, सवाई माधोपुर समेत कई जिलों और अन्य प्रदेशों में देह व्यापार के लिए भेज दिया जाता है.
भीलवाड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विमल सिंह ने बताया कि उनके निर्देश पर काछोला पुलिस ने IPC की धारा 376 D पॉक्सो और पिटा एक्ट में मामला दर्ज कर लिया है. वहीं माण्डलगढ़ पुलिस अप अधीक्षक कीर्ति सिंह ने मामले में जांच शुरू कर दी है.
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