पैसे कमाने के लिए इस्तेमाल करते थे लड़कियों की फोटो, इस ट्रिक से लोगों से यूं लूटते थे लाखों रुपए!

Satish Sharma

• 04:22 AM • 29 Jan 2024

Udaipur: एसपी ने बताया कि खेरवाड़ा थानाधिकारी दिलीप सिंह के जरिए इस फर्जी कॉल सेंटर की सूचना मिली थी. इस पुलिस ने अम्बामाता पुलिस टीम के साथ थाना क्षेत्र के सज्जननगर में अयाना अपार्टमेन्ट के सेकेंड फ्लोर पर छापा मारा.

लड़कियों के फोटो इंटरनेट पर डालकर लोगों फंसाते थे, जब रेड मारने पुलिस पहुंची तो बदमाशों की हुई ऐसी हालत

लड़कियों के फोटो इंटरनेट पर डालकर लोगों फंसाते थे, जब रेड मारने पुलिस पहुंची तो बदमाशों की हुई ऐसी हालत

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Crime News: पहले तो वेबसाइट पर हसीन लड़कियों के फोटो दिखाते और जब तस्वीरों को देखकर लोग झांसे में आ जाते तो इसके बाद शुरू होता था पैसे वसूली का काम. आने वाले रुपए भी फर्जी खाते में आते थे और जो मोबाइल ऑपरेट करते थे. वह भी दूसरे के नाम पर थे. रुपए आने के बाद पैसे का लेन-देन एटीएम और इंटरनेट बैंकिंग का एक्सेस अपने पास होने से स्वयं करते थे. यह सब करते थे 21 से 26 साल के युवक जिनको उदयपुर पुलिस फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारकर पकड़ा. पुलिस को वहां एटीएम कार्ड, मोबाइल और मोबाइल के सिम बरामद हुए. उदयपुर एसपी भुवन भूषण यादव ने बताया कि इसमें अम्बामाता पुलिस ने 6 युवकों गिरफ्तार किया है.

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एसपी ने बताया कि खेरवाड़ा थानाधिकारी दिलीप सिंह के जरिए इस फर्जी कॉल सेंटर की सूचना मिली थी. इस पुलिस ने अम्बामाता पुलिस टीम के साथ थाना क्षेत्र के सज्जननगर में अयाना अपार्टमेन्ट के सेकेंड फ्लोर पर छापा मारा. पुलिस फ्लैट में अंदर गई तो वहां बैठे छह युवक घबरा गए. पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और मोबाइल की सिम मिला. पुलिस मुख्यालय द्वारा साईबर अपराध में चिह्नित नम्बर भी उनके पास मिले. अम्बामाता थानाधिकारी डॉ. हनवंत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि मौके से मिले सभी इलेक्ट्रॉनिक सामान को जब्त कर पुलिस ने दयालाल पाटीदार (26), भरत पाटीदार(24), रोशन पाटीदार (26), हितेश पाटीदार (21), प्रवीण पाटीदार (23) तथा कपिल पाटीदार को गिरफ्तार किया है.

ऐसे करते थे ठगी का खेल

डिप्टी चांदमल सिंगारिया ने बताया कि सभी आरोपियों ने मोबाइल में ऑनलाइन एस्कोर्ट सर्विस साइट पर ऐड में अपनी आईडी बना लड़कियों के फोटो टैग कर अपने फर्जी तरीके से उपयोग में लिये जाने वाले मोबाइल नम्बर लिखे विज्ञापन बना वेबसाइट पर पोस्ट करते थे. विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नम्बर के जरिए वॉट्सऐप से लोगों से सम्पर्क होता था. लोग इनके झांसे में आकर एडंवास के नाम पर 100 से लेकर 5000 रुपए तक की ऑनलाइन भेज देते थे. DSP सिंगारिया ने बताया कि सभी बुकिंग राशि को डमी बैंक खातों में प्राप्त करते थे. ग्राहक द्वारा एस्कार्ट सर्विस के लिए लड़की की मांग करने पर पहले तो उसे धमकाते तथा फिर भी परेशान करने पर ग्राहक के नम्बर को ब्लॉक कर देते थे.

डमी खातों का करते थे इस्तेमाल

इन लोगों द्वारा उपयोग में लिये जा रहे डमी खातों व मोबाइल नम्बरों के बारे में पूछने पर बताया कि उक्त मोबाइल नम्बरों की सिम व खाते अन्य राज्यों के लोगों द्वारा के.वाई.सी कराया जाकर सिम कार्ड व ए.टी.एम कार्ड को जरिये कूरियर से पहुंचाते थे. इन खातों का नेट बैकिंग सम्बन्धित एक्सेस स्वयं के पास रखते एवं एस्कोर्ट सर्विस के नाम से कस्टमर से ठगी कर प्राप्त राशि को उक्त फर्जी खातो में प्राप्त कर सभी के द्वारा एटीएम से विड्रोल कर लेते थे.

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