Rajasthan: अब किसान परिवार की मदद करेंगे विद्यार्थी, मिलेंगे 3 हजार प्रतिमाह, कृषि विवि का लर्निंग प्रोग्राम

चेतन गुर्जर

23 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 23 2024 2:42 PM)

Kota: कृषि महाविद्यालय उम्मेदगंज के यूजी फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा चलाए जा रहे रूरल एग्रीकल्चर एक्सपीरियंस लर्निंग (रावे) प्रोग्राम में 20 सप्ताह का फील्ड प्रशिक्षण मिलेगा, इस छह माह के प्रोग्राम के तहत विद्यार्थियों को 3 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे.

Kota Agriculture College

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Kota: कृषि महाविद्यालय उम्मेदगंज के यूजी फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को अब कृषि के हर पहलू का अनुभव मिल सकेगा. एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा चलाए जा रहे रूरल एग्रीकल्चर एक्सपीरियंस लर्निंग (रावे) प्रोग्राम में विद्यार्थियों को 140 दिन यानि 20 सप्ताह का फील्ड प्रशिक्षण मिलेगा, जिसके दौरान वे किसानी के मामलों को गहराई से समझ सकेंगे.

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इस छह माह के प्रोग्राम के तहत विद्यार्थियों को 3 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे, छात्र 6 महीनों में 18 हजार रुपए कमा पाएंगे, जिससे उनका आर्थिक सहयोग हो सकेगा. कार्यक्रम को आठ मॉड्यूल में बांटा गया है, जिसमें फार्म प्लानिंग, वाटरशेड डेवलपमेंट प्रोग्राम, एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम, रिसर्च स्टेशन और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं. ग्रामीण प्रवास के दौरान, विद्यार्थी किसानों के साथ रहकर खेती-किसानी सीखेंगे और किसानों को सुधार के सुझाव भी देंगे.

प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य क्या?

रावे प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को कृषि और ग्रामीण विकास में वर्तमान व उभरते अवसरों और चुनौतियों से अवगत कराना है. यह छह माह का सेमेस्टर विभिन्न चरणों में विभाजित है, जिसमें प्रथम सप्ताह में ऑरियंटेशन, पांच सप्ताह में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण, आठ सप्ताह गांवों में किसानों के साथ रहकर सीखना, दो सप्ताह प्लांट क्लिनिक में फसलों के कीड़े और बीजों के रोगों का उपचार, तीन सप्ताह कृषि इंडस्ट्री विजिट शामिल हैं.

60 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं

कृषि विवि के स्टूडेंट वेलफेयर डायरेक्टर डॉ. मूलचंद जैन ने बताया कि इस प्रोग्राम में करीब 60 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं. यह प्रोग्राम मानसिकता, दृष्टिकोण, व्यक्तित्व और प्रबंधकीय तथा उद्यमशीलता कौशल में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान और कौशल में वृद्धि करेगा. इस तरह विद्यार्थियों को न केवल किताबी ज्ञान मिलेगा, बल्कि वे ग्राउंड लेवल पर भी कृषि के हर पहलू को गहराई से समझ सकेंगे.

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