NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक को लेकर मचे हंगामे के बीच परीक्षा को दोबारा करवाए जाने की लगातार मांग हो रही थी. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on NEET UG) में भी सुनवाई चल रही थी जिस पर मंगलवार को फैसला आ गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना नीट यूजी (NEET UG ReExam) की परीक्षा दोबारा नहीं करवा सकते.
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Verdict) का कहना है कि "उसे एहसास है कि मौजूदा साल के लिए नए सिरे से NEET-UG एग्जाम करवाने के गंभीर परिणाम होंगे. परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से ज्यादा छात्रों और चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा, "
दागी स्टूडेंट्स को एडमिशन नहीं मिलेगा
चीफ जस्टिंस ऑफ इंडिया ने फैसले में कहा है कि हम दागी स्टूडेंट्स को बाकी स्टूडेंट्स से अलग कर सकते हैं. अगर जांच के दौरान कोई स्टूडेंट्स इस फ्रॉड में शामिल पाया जाता है तो उसे एडमिशन नहीं मिलेगा.
क्या है पूरा मामला ?
4 जून को NEET UG का रिजल्ट आने के बाद से पेपर लीक के मामले सामने आने लगे. सबसे पहले इस परीक्षा में बिहार में पेपर लीक की खबर ने तूल पकड़ा था. उसके बाद परीक्षा में 67 टॉपर और एक ही परीक्षा केंद्र से कई टॉपर्स के सामने आने से संदेह और बढ़ गया. इसके अलावा एक सवाल के दो उत्तर, ग्रेस मार्क्स जैसे प्वाइंट्स पर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा, जिसके बाद से परीक्षा को दोबारा करवाए जाने की मांग हो रही है.
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